निकोसिया। पाकिस्तान को भारत के खिलाफ सैन्य मदद देने वाले तुर्की को मोदी सरकार ने जोर का झटका दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी के साइप्रस दौरे में भारत के साथ साझा बयान जारी किया गया है। साइप्रस के साथ साझा बयान में भारत ने साफ कहा है कि वो साइप्रस की क्षेत्रीय अखंडता को अपना समर्थन देता है। साइप्रस के करीब 33 फीसदी उत्तरी हिस्से पर तुर्की ने कब्जा जमा रखा है। इस कब्जे वाले इलाके को तथाकथित उत्तरी साइप्रस का तुर्की गणराज्य कहा जाता है। पीएम मोदी को साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस उस ग्रीन लाइन पर भी ले गए, जहां से तुर्की के कब्जे वाला साइप्रस का हिस्सा दिखता है।
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PM Modi visits the Green Line in Cyprus (that divides the Island) along with Cyprus President Nikos Christodoulides.Area overlooks northern Cyprus, which remains under occupation with the presence of Turkish Troops.
PM Modi shown that area from afar pic.twitter.com/gFmh9hmijV
— Sidhant Sibal (@sidhant) June 16, 2025
साइप्रस अपने इस हिस्से को हासिल करने के लिए तुर्की से कूटनीतिक जंग लड़ रहा है। अब भारत ने साफ कहा है कि वो साइप्रस की अखंडता का समर्थन करता है। तुर्की के लिए ये इस वजह से भी झटका है, क्योंकि रेसिप तैयप एर्दोगान का मुल्क यानी तुर्की हमेशा कश्मीर मसले पर पाकिस्तान की हां में हां मिलाता है। इतना ही नहीं, तुर्की ने ऑपरेशन सिंदूर के वक्त पाकिस्तान को सैन्य मदद भी भेजी थी। तुर्की के दिए हमलावर ड्रोन से पाकिस्तान ने भारत के शहरों, सैन्य ठिकानों और यहां तक कि धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की कोशिश की। हालांकि, भारत की सजग सेना ने तुर्की के इन ड्रोन को निशाने तक पहुंचने से पहले ही मार गिराया।
तुर्की के पाकिस्तान परस्त रुख के बावजूद भारत ने उसकी ओर हमेशा दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। साल 2023 में जब तुर्की में 7.3 तीव्रता का जबरदस्त भूकंप आया था और जमकर तबाही मची थी, उस वक्त भारत ने तुर्की की मदद के लिए तमाम सामान और यहां तक कि सेना के डॉक्टर तक भेजे थे। इसके बावजूद तुर्की लगातार भारत के विरोध और पाकिस्तान के समर्थन में कदम उठाता रहा। अब साइप्रस की क्षेत्रीय अखंडता को अपना समर्थन देकर भारत ने अंतरराष्ट्रीय जगत को अपने इरादे साफ कर दिए हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तुर्की का साइप्रस विरोध झटका खा सकता है। इसकी वजह ये है कि दुनिया के बहुत सारे देश भारत के साथ कूटनीतिक तौर पर जुड़े हुए हैं। क्योंकि भारत में उनको अपना सच्चा दोस्त नजर आता है।