दोहा (कतर)। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के मामले में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर का बड़ा बयान आया है। कतर में दोहा फोरम के दौरान ‘नए युग में संघर्ष का समाधान’ पैनल में जयशंकर ने कहा कि रूस और यूक्रेन की जंग को रुकवाने के लिए भारत मध्यस्थता नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम बातचीत कर दोनों देशों के बीच आपसी सहमति के सूत्र तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि रूस और यूक्रेन को भारत पारदर्शी तरीके से एक-दूसरे के विचारों की जानकारी देता है। जयशंकर ने कहा कि रूस और यूक्रेन की जंग को इस तरह नहीं सुलझाया जा सकता।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि युद्ध को छोड़कर रूस और यूक्रेन को बातचीत की मेज पर लौटना होगा। जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों को बातचीत की मेज पर लाने के लिए भारत हर संभव कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब हम रूस जाते हैं, तो वहां राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से बात करते हैं और यूक्रेन जाने पर वहां के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से चर्चा करते हैं। दोहा फोरम में जयशंकर ने कहा कि भारत ये सुनिश्चित कर रहा है कि दोनों को पारदर्शी तरीके से जानकारी दी जाए। गौरतलब है कि इस साल पीएम नरेंद्र मोदी यूक्रेन के दौरे पर गए थे। इससे पहले वो रूस गए थे और वहां पुतिन से मुलाकात की थी। पीएम मोदी लगातार कहते रहे हैं कि ये युद्ध का दौर नहीं है। उन्होंने पुतिन और जेलेंस्की से हर मुलाकात में बातचीत से मसलों को हल करने के लिए कहा था।
विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस से कच्चा तेल खरीदने के मामले में पूछे सवाल का भी जवाब दिया। उन्होंने साफ कहा कि रूस से कच्चा तेल खरीदना भारत के लिए सस्ता सौदा नहीं है। जयशंकर ने कहा कि भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का ये एक समझौता है। विदेश मंत्री ने कहा कि सच है कि हम तेल खरीदते हैं, लेकिन क्या आपके पास इससे बेहतर सौदा है? क्या दुनिया के पास भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का कोई विकल्प है? बता दें कि भारत के कुल आयातित कच्चा तेल में रूस की भागीदारी करीब 35 फीसदी हो गई है। जबकि, पहले ये काफी कम थी। विदेश मंत्री जयशंकर पहले भी कई देशों के दौरे के वक्त साफ कह चुके हैं कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी भी देश से कच्चा तेल खरीद सकता है। वो ये भी साफ कह चुके हैं कि भारत एक संप्रभु देश है और अपनी नीति खुद तैयार करेगा।