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Deal With Indonesia: चीन के खिलाफ एक और देश खोलने जा रहा मोर्चा, भारत से खरीदेगा ये खतरनाक मिसाइल

brahmos missile

जकार्ता। मोदी सरकार ने 8 साल पहले सत्ता संभालते ही दक्षिण-पूर्वी एशिया के देशों के साथ करीबी बढ़ानी शुरू कर दी थी। इसकी वजह हिंद महासागर में चीन की सेना की गतिविधि पर लगाम कसना था। इसमें भारत को कामयाबी मिलती दिख रही है। फिलीपींस के बाद अब इंडोनेशिया ने भी खतरनाक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस खरीदने का मन बनाया है। इंडोनेशिया इस मिसाइल को खरीदने का समझौता इस साल के अंत तक करेगा। अखबार ‘फाइनेंशियल एक्सप्रेस’ के मुताबिक भारत और इंडोनेशिया की सरकारें इस डील के लिए बात कर रही हैं। इंडोनेशिया पहले ही ब्रह्मोस खरीदना चाहता था, लेकिन कुछ दिक्कतों की वजह से अब वो डील पर इस साल के अंत में साइन करेगा।

दक्षिण-पूर्वी एशिया का इंडोनेशिया दूसरा देश होगा, जो ब्रह्मोस मिसाइल भारत से खरीदेगा। सूत्रों ने अखबार को बताया है कि इस मिसाइल को इंडोनेशिया अपने समुद्री जहाजों पर तैनात करेगा। इससे पहले फिलीपींस ने 374.96 मिलियन डॉलर में ब्रह्मोस खरीदने का सौदा किया था। दरअसल, चीन अपनी विस्तारवादी नीति की वजह से पूरे दक्षिण चीन सागर को अपना बताता है। इंडोनेशिया, फिलीपींस समेत सभी देशों से इस कारण उसका टकराव है। दक्षिणी चीन सागर के इलाके वाले देशों के व्यापारिक और मछलीमार जहाजों को भी चीन काम नहीं करने देता। साथ ही आए दिन वो बंदरघुड़की भी देता रहता है। इस वजह से इंडोनेशिया ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया है और इसके लिए वो खतरनाक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की तैनाती करना चाहता है।

ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है। ये कम रेंज की रैमजेट तकनीक वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसकी गति आवाज की तीन गुना के करीब है। इस वजह से दुश्मन के इलाके में पलक झपकते ही ये वार कर देती है। फिलीपींस और इंडोनेशिया के अलावा मलेशिया ने भी ब्रह्मोस खरीदने की मन बनाया है। साल 2018 में पहली बार भारतीय नौसेना ने इंडोनेशिया के साथ ‘समुद्र शक्ति’ के तहत द्विपक्षीय अभ्‍यास किया था।

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