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भारत में हो रहे किसान आंदोलन पर बयान देकर, क्या कनाडा के पप्पू बन गए हैं पीएम जस्टिन ट्रूडो?

Justin Trudo PM Modi

नई दिल्ली। दिल्ली में हो रहे किसानों के प्रदर्शन पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपना समर्थन जताया है। उनके इस बयान पर भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया दी गई और स्पष्ट कह दिया गया कि कनाडा भारत के आंतरिक मामलों में किसी तरह के दखल की बात सोचना छोड़ दे। भारत की तरफ से कनाडा को साफ शब्दों में कहा गया कि, “किसान भारत के हैं और भारत की जमीन पर आंदोलन कर रहे हैं इनसे बातचीत कर इनकी समस्याओं का समाधान करना भारत सरकार का काम है। इसके लिए कनाडा के राय की जरूरत नहीं है।” दरअसल दिल्ली में हो रहे किसान आंदोलनों में पंजाब के किसानों की संख्या देखी जा रही है और वहीं कनाडा में भी सिखों की आबादी अच्छी संख्या में हैं। इसको देखते हुए कनाडा के पीएम अपने आप को रोक नहीं पाए और वोट की राजनीति के चलते इस तरह का समर्थन जता दिया।

फिलहाल कनाडा के पीएम क्या कहते हैं और क्या नहीं, इस बात को सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में कोई भी अहमियत नहीं देता है। इसका एक कारण ये भी है कि, वैश्विक स्तर पर कनाडा के प्रधानमंत्री की इतनी भी हैसियत नहीं है कि अगर वो कुछ कहे तो उसपर पूरी दुनिया गौर करे। दरअसल कनाडा का न तो संयुक्त राष्ट्र में कोई दबदबा है और न ही सैन्य कारोबार में।

जिलाधिकारियों के साथ ट्रूडो ने ताजमहल का दीदार

कनाडा की अहमियत का आप अंदाजा इसी बात से लगा लीजिए कि, 17 फरवरी 2018 में ट्रूडो भारत दौरे पर आए थे। उनके स्वागत के लिए कोई हाई प्रोफाइल तैयारी नहीं हुई। उनके आने की कहीं चर्चा भी नहीं हुई। ट्रूडो इस दौरे पर ताजमहल देखने आगरा गए थे, लेकिन उनके साथ कोई मंत्री, मुख्यमंत्री नहीं था, बस जिलाधिकारियों के साथ ट्रूडो ने ताजमहल का दीदार किया।

सिख वोट बैंक के चलते दिया बयान

कनाडा को लेकर आरोप लगते रहते हैं कि वो भारत में खालिस्तानी मुहिम चलाने वाले लोगों का समर्थन करता है। दरअसल कनाडा की राजनीति में ट्रूडो की लिबरल पार्टी, कन्जरवेटिव पार्टी और जगमीत सिंह की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी तीनों के लिए सिख वोट बैंक मायने रखता है। 3.6 करोड़ की आबादी वाले कनाडा में पांच लाख के करीब सिख हैं। और यही वजह रही कि ट्रूडो ने किसान प्रदर्शन पर अपना समर्थन जताया।

कैप्टन अमरिंदर सिंह का आरोप

जस्टिन ट्रूडो ने साल 2015 में कहा था कि भारत की कैबिनेट से ज्यादा सिख उनके मंत्रिमंडल में हैं। तब ट्रूडो की कैबिनेट में चार सिख मंत्री थे। वहीं ट्रूडो पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी ट्रूडो पर कनाडाई सिख अलगाववादियों के साथ सहानुभूति रखने का आरोप लगा चुके हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री भी अपने मंत्रियों की तीखी आलोचना की वजह से नाराज थे और उन्होंने अपने दौरे में अमरिंदर सिंह से मुलाकात नहीं की थी।

कनाडा की कुल आबादी में 5.6 फीसदी लोग भारत से

कनाडा का अलगाववादियों के प्रति प्यार ही वजह है कि दोनों देशों के रिश्तों में गर्मजोशी नहीं है। जबिक कनाडा की कुल आबादी में 5.6 फीसदी लोग भारतीय मूल के हैं. इनकी आबादी 19 लाख है।

क्या कहा था ट्रूडो ने 

भारत में किसानों की हालत पर चिंता जाहिर करते हुए ट्रूडो ने गुरुपूरब के मौके पर कनाडा के लोगों, खासकर सिखों को शुभकामना संदेश देते हुए एक वीडियो जारी किया। जिसमें ट्रूडो ने किसान आंदोलन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि, अभी जो हालात हैं, वो बेहद चिंताजनक हैं। ट्रूडो ने कहा, ‘हम परिवार और दोस्तों को लेकर परेशान हैं। हमें पता है कि यह कई लोगों के लिए सच्चाई है।’ किसान आंदोलन पर अपना समर्थन जताते हुए ट्रूडो ने आगे कहा, ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकार का कनाडा हमेशा बचाव करेगा। हम बातचीत में विश्वास करते हैं। हमने भारतीय प्रशासन के सामने अपनी चिंताएं रखी हैं। यह वक्त सबके साथ आने का है।’ वहीं ट्रूडो से पहले कनाडा के रक्षामंत्री हरजीत सिंह ने ट्विटर पर एक ट्वीट में लिखा था- ‘भारत में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर क्रूरता दिखाना परेशान करने वाला है।

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