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Birmingham: भारतीय दूतावास के बाहर फिर लहराए गए खालिस्तानी झंडे, NIA ने दिखाए सख्त तेवर, की ये कार्रवाई

ब्रिटेन के बर्मिंघम (Birmingham) में भारतीय वाणिज्य दूतावास (Indian Consulate) के सामने गुरुवार को सिख समूह के प्रतिबंधित संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) ग्रुप के नेता परमजीत सिंह 'पम्मा' (Paramjit Singh 'Pamma') ने खालिस्तानी झंडे (Khalistani flags) लहराते हुए प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

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बर्मिंघम। ब्रिटेन के बर्मिंघम (Birmingham) में भारतीय वाणिज्य दूतावास (Indian Consulate) के सामने गुरुवार को सिख समूह के प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) ग्रुप के नेता परमजीत सिंह ‘पम्मा’ (Paramjit Singh ‘Pamma’) ने खालिस्तानी झंडे (Khalistani flags) लहराते हुए प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। खालिस्तान के समर्थन में प्रदर्शन करने से भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर विरोध बढ़ा है। जिसके बाद भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पम्मा के खिलाफ चार्जशीट दायर की है।


एनआईए ने पम्मा के खिलाफ अमेरिका समेत यूके और कनाडा की अदालतों में चार्जशीट दायर की है। दरअसल, गुरुवार को आईएसआई समर्थित खालिस्तानियों ने टोरंटो समेत न्यूयॉर्क और लंदन में सभी भारतीय दूतावास को बंद करने की धमकी दी थी, जो भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा विदेशी खुफिया एजेंसियों के साथ को-ऑर्डिनेट कर कार्रवाई के बाद अपनी योजना में नाकाम रहे। एनआईए ने बुधवार को यूएपीए के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और कनाडा की अदालतों में 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है।

एनआईए ने चार्जशीट में दावा किया है कि ‘सिख फॉर जस्टिस’ एक यूएस-आधारित अलगाववादी संगठन है, जिसमें सिख लोगों को भड़काने और खालिस्तान की मांग को बढ़ाने के लिए साजिश रची गई है। इस संगठन ने देश के खिलाफ विद्रोह बढ़ाने के लिए संबंधित लोगों को बलों में उकसाने की योजना बनाई। इतना ही नहीं इस संगठन के एक और नेता गुरपतवंत सिंह ‘पन्नुन’, खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर और बब्बर खालसा के अंतरराष्ट्रीय प्रमुख परमजीत सिंह पर भारत के साथ कश्मीर के अलगाव के लिए खुले तौर पर समर्थन करने का आरोप लगाया गया।

जांच एजेंसी का कहना है कि इस संगठन पर यूके, यूएस, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों में एक ‘मानव अधिकार वकालत समूह’ के तहत चल रही है। इस अभियान के तहत फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सअप, यू-ट्यूब चैनलों और कई वेबसाइटों पर कई सोशल मीडिया अकाउंट लॉन्च किए गए हैं, जो देश और धर्म के आधार पर देशद्रोह के प्रचार तथा दुश्मनी फैलाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं।

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