दावोस। नाटो दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य संगठन है। रूस के साथ जारी युद्ध में नाटो के सदस्य देश यूक्रेन की मदद भी कर रहे हैं, लेकिन नाटो की इस मदद के बावजूद यूक्रेन की सेना रूस को हमले करने से रोक नहीं पा रही। युद्ध है कि थम नहीं रहा। अब नाटो के महासचिव मार्क रुट ने संगठन के लिए नई चेतावनी दी है। मार्क रुट ने गुरुवार को कहा कि अगर रूस ने यूक्रेन से जारी जंग जीत लिया, तो नाटो की साख खराब हो जाएगी। मार्क रुट ने कहा कि नाटो की साख खराब हुई, तो इसे फिर बहाल करने में खरबों डॉलर का खर्च होगा।
Mark Rutte, lors d’une table ronde au Forum économique mondial de Davos, a mélangé la direction de l’offensive en Ukraine.
“La ligne de front évolue dans la mauvaise direction, vers l’est”, a déclaré le secrétaire général de l’OTAN. Une vidéo de son discours a été publiée sur… pic.twitter.com/Zj783sZHsD
— 🇷🇺RussieInfos🥰 (@RussieInfos) January 23, 2025
स्विटजरलैंड के दावोस में जारी विश्व आर्थिक मंच यानी डब्ल्यूईएफ के दौरान नाटो महासचिव मार्क रुट ने कहा कि अगर युद्ध में यूक्रेन पराजित हो जाता है, तो नाटो के बाकी सदस्य देशों की सुरक्षा करने और अपनी साख को फिर स्थापित करने के लिए संगठन को बड़ी कीमत चुकानी होगी। नाटो महासचिव ने कहा कि ये कीमत मौजूदा खर्च हो रही अरबों डॉलर नहीं, खरबों डॉलर होगी। मार्क रुट ने कहा कि ऐसे में यूक्रेन को समर्थन में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नाटो को युद्ध की दिशा को बदलना होगा। मार्क रुट ने कहा कि ये मंजूर नहीं है कि 21वीं सदी में कोई देश दूसरे पर हमला कर उसे गुलाम बनाने की कोशिश करे।
अमेरिका के राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप ने बयान दिया था कि वो रूस और यूक्रेन की जंग रुकवाएंगे। इस पर किसी संभावित समझौते के बारे में नाटो महासचिव मार्क रुट का कहना था कि ऐसा समझौता न हो कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन चीन, उत्तर कोरिया और ईरान के नेताओं के साथ जश्न मनाएं। मार्क रुट ने कहा कि ऐसा हुआ, तो ये भू-राजनीतिक तौर पर बड़ी गलती होगी। मार्क रुट के बयान से साफ है कि नाटो देशों को रूस और यूक्रेन युद्ध के नतीजों के बारे में चिंता है। एक तरफ नाटो के देशों से अत्याधुनिक हथियार और धन यूक्रेन को मिल रहा है, लेकिन रूस भी उस पर हमलों में कोई कमी नहीं कर रहा। रूस को ईरान, उत्तर कोरिया और चीन से हथियार मिल रहे हैं। वहीं, ये खबर भी आ चुकी है कि उत्तर कोरिया के सैनिक रूस की मदद के लिए बेलारूस में तैनात किए गए हैं।