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इजरायल की तरफ अब यूएई के बाद बहरीन ने बढ़ाया दोस्ती का हाथ, कई मुस्लिम देशों में बेचैनी

नई दिल्ली। खाड़ी देशों से इजरायल के बेहतर हो रहे रिश्तों की वजह से माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में दुनियाभर के मुस्लिम जगत की राजनीति में कई बदलाव हो सकते हैं। बीते दिनों देखा गया है कि इजरायल जिससे मुस्लिम देशों से न के बराबर बनती थी, अब उस देश से बहरीन उसके पहले UAE से समझौते हो चुके हैं जोकि दुनियाभर की राजनीति में चकित करने वाला माना जा रहा है।

इन समझौतों का ही असर है कि इजरायल के प्रति ज्यादा सहज नहीं रहने वाले मुस्लिम देशों में इजरायल को लेकर बनी सोच में शायद कुछ बदलाव हुआ है। यही वजह है कि लगभग एक महीने के अंदर 2 रसूखदार मुस्लिम देशों ने इजरायल के साथ समझौते किए हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले UAE ने इजरायल के साथ समझौता किया था जिसके बाद दोनो देशों के बीच हवाई संपर्क शुरू हुआ और दुनियाभर में UAE और इजरायल के बीच हुए समझौते की चर्चा हुई।

इसके बाद बहरीन ने इजरायल के साथ समझौता किया है। बहरीन ने पहली बार इजरायल को बतौर देश मान्यता दी है। अमेरिका की पहल पर दोनों देशों के बीच यह समझौता हुआ है और इस समझौते की चर्चा दुनियाभर में हो रही है। देश के तौर पर इजरायल को मान्यता देना सबसे ज्यादा पाकिस्तान को बुरा लग रहा होगा, क्योंकि उसने इजरायल को कभी भी देश के तौर पर मान्यता नहीं देने की वकालत की है।

दुनियाभर में मुस्लिम देशों का बहुत बड़ा वर्ग सऊदी अरब के साथ चलता है और बहरीन को सऊदी अरब का बेहद करीबी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि बहरीन की राजनीति, वहां की अर्थव्यवस्था और वहां की सैन्य सुरक्षा पूरी तरह से सऊदी अरब पर निर्भर है। ऐसे में अगर बहरीन और इजरायल के बीच में समझौता हुआ है तो कहीं न कहीं इसमें सऊदी अरब की सहमति जरूर होगी क्योंकि बहरीन कभी भी सऊदी अरब की सहमति के बिना इजरायल के साथ हाथ नहीं मिलाएगा।

जाहिर सी बात है कि इजरायल के साथ मुस्लिम देशों की बढ़ती नजदीकी के पीछे सीधे तौर पर अमेरिका का हाथ है। बहरीन और इजरायल के बीच जब समझौते पर हस्ताक्षर हुए तो वहां पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मौजूद थे। इजरायल के साथ मुस्लिम देशों की बढ़ती नजदीकी का फायदा डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ले सकते हैं। ट्रंप इस उपलब्धि को राष्ट्रपति चुनावों के दौरान यहूदी मतदाताओं को रिझाने में कर सकते हैं।

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