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Nepal’s Nefarious Activities : नेपाल ने लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को बताया अपना, 100 रुपए के नए नोट में छापेगा नया मानचित्र, इन क्षेत्रों पर है भारत का अधिकार

Nepal's Nefarious Activities : नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में नेपाल के नए मानचित्र को 100 रुपये के नए नोट पर छापने का फैसला लिया गया है। नेपाल ने अपने नए मानचित्र में लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को अपना दिखाया है।

नई दिल्ली। भारत के सबसे निकटस्थ पड़ोसी देश नेपाल के हालिया ऐलान से भारत के साथ संबंधों में एक बार फिर तल्खी आ गई है। दरअसल नेपाल का कहना है कि वो अपने 100 रूपए के नए नोट को छापने जा रहा है जिसमें लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी की फोटो होगी। ये वो क्षेत्र हैं जिन पर भारत अपना अधिकार रखता है। ऐसे में यह साफ है कि नेपाल भारत के क्षेत्रों पर अधिकार जमाने की बात कर रहा है।

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में नेपाल के नए मानचित्र को 100 रुपये के नए नोट पर छापने का फैसला लिया गया है। नेपाल ने अपने नए मानचित्र में लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को अपना दिखाया है। नेपाल सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 25 अप्रैल और 2 मई को हुई बैठकों के दौरान 100 रुपये के बैंक नोट को फिर से डिजाइन करने और उसमें छपे देश के पुराने मानचित्र को बदलने की मंजूरी दे दी।

नेपाल भारतीय के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के साथ 1,850 किमी से ज्यादा लंबी सीमा साझा करता है। मौजूदा वक्त में भारत और नेपाल के बीच लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को लेकर विवाद है। 18 जून, 2020 को, नेपाल ने अपने संविधान में संशोधन करके लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा क्षेत्रों को शामिल करके राजनीतिक मानचित्र को अपडेट किया था। इस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे एकतरफा कार्रवाई और नेपाल के दावों को अस्वीकार कर दिया था। भारत हमेशा से ही इन क्षेत्रों पर अपना अधिकार रखता आया है। भारत का तर्क है कि लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा यह क्षेत्र उसके इलाके का हिस्सा हैं और साल 1960 से ही भारत ने वहां सैन्य उपस्थिति बनाए रखी है।

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