नई दिल्ली। सीमा विवाद को लेकर भारत और नेपाल के बीच तनाव का माहौल है। इस बीच भारत के लिंपियाधुरा, कापालानी और लिपुलेख को अपना हिस्सा बताकर नया राजनीतिक नक्शा जारी करने वाले नेपाल के तेवर अब नरम पड़ चुके हैं। मोदी सरकार के सख्त रवैये के चलते नेपाल अब भारत के साथ सिर्फ बातचीत के जरिए ही सीमा विवाद के हल की बात कर रही है। नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने कहा कि नेपाल और भारत के बीच क्षेत्रीय विवाद केवल बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है। नेपाल के एक सरकारी टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में ये बात कही।
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली का ये बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय राजदूत विजय मोहन क्वात्रा और नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी 17 अगस्त को द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
The territorial dispute between Nepal and India can only be solved through dialogue: Nepal’s Minister for Foreign Affairs, Pradeep Kumar Gyawali in an interview with state-owned Nepal Television. (file pic) pic.twitter.com/OQlf0lm5t4
— ANI (@ANI) August 13, 2020
बता दें कि नेपाल द्वारा भारतीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों को अपने नक्शे में शामिल किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव का माहौल चल रहा है। नेपाल ने अपना नए नक्शे में भारत के लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने क्षेत्र में शामिल कर लिया है। इस नक्शे को नेपाल की संसद से भी मंजूरी मिल चुकी है।
8 मई को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के धारचुला को लिपुलेख दर्रे से जोड़ने वाली सामरिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था।
नेपाल ने इसका विरोध किया। उसने दावा किया कि यह सड़क उसके क्षेत्र से होकर गुजरती है। इसके कुछ समय बाद नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया, जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को उसके क्षेत्र में दिखाया गया है. भारत इन इलाकों को अपना मानता है। इसके बाद जून में नेपाल की संसद ने देश के नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूरी दे दी, जिसपर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया था।