इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सेना ने देश में मार्शल लॉ लागू करने से फिलहाल इनकार किया है। सेना ने इससे पहले 9 मई को हिंसा की घटनाओं को पाकिस्तान के लिए काला दिन बताया था। सेना का ये बयान काफी अहम है, क्योंकि पूर्व पीएम इमरान खान ने शुक्रवार को जमानत मिलने के बाद पाकिस्तान सेना के चीफ जनरल असीम मुनीर पर ताजा घटनाओं की पूरी तरह जिम्मेदारी डाल दी थी। इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान में जो भी हो रहा है, उसके लिए पाक सेना प्रमुख ही जिम्मेदार हैं। अब इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के डीजी मेजर जनरल अहमद शरीफ के हवाले से जियो न्यूज ने कहा कि पाकिस्तान में मार्शल लॉ लगने की खबरें अफवाह हैं।
जियो न्यूज से मेजर जनरल अहमद शरीफ ने कहा कि वो साफ करना चाहते हैं कि जनरल असीम मुनीर और सेना पूरी तरह पाकिस्तान में लोकतंत्र का समर्थन करती है और आगे भी करती रहेगी। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में ब्रिगेडियर, कर्नल और मेजर स्तर के तमाम अफसरों को इमरान खान के उग्र समर्थकों पर फायरिंग न करने पर बर्खास्त किया गया है। 9 मई को इमरान खान को गिरफ्तार करने के बाद पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर हिंसा फैली थी। पाकिस्तान की सेना, एयरफोर्स वगैरा के बेस और अफसरों के बंगलों को उग्र भीड़ ने निशाना बनाया था। भीड़ ने पाकिस्तान सेना के अफसरों के बंगलों में आगजनी और लूटपाट की थी।
इमरान खान के समर्थक इतने उग्र हो गए थे कि उन्होंने लाहौर में कोर कमांडर के बंगले में लूटपाट के बाद आग लगा दी थी। उस घटना का एक और वीडियो सामने आया है। जिसमें कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सलमान फयाज गनी और उनके परिवार के सदस्यों से इमरान समर्थक बहस कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि पाकिस्तान सेना के टॉप कमांडर और उनके परिजनों की जान 9 मई को कितने खतरे में थी। देखिए ये वीडियो।
A video from Pakistan has emerged of the moment when public entered the residence of Lahore Corps Commander which was ransacked and later gutted in flames. In this video, Lt. Gen. Salman Fayyaz Ghani Corps Commander and his family can be seen begging for mercy from the angry mob. pic.twitter.com/V1qa2D2rqp
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) May 12, 2023
पाकिस्तान में फिलहाल इमरान खान को 17 मई तक गिरफ्तारी से राहत मिल गई है, लेकिन इस मुद्दे पर पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच टकराव शुरू हो गया है। वजह ये है कि पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की सास, इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की मेंबर हैं। शहबाज शरीफ और उनके मंत्री लगातार आरोप लगा रहे हैं कि इसी वजह से चीफ जस्टिस ने इमरान को राहत दी है।