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कट्टरपंथ के चलते कोरोना में डूब गया पाकिस्तान, धर्मस्थल खुलने के आदेश जारी

इस्लामाबाद। पाकिस्‍तान का कट्टरपंथ उस पर भारी पड़ रहा है। पाकिस्तान की सरकार पर कट्टरपंथियों और मौलानाओं का जबरदस्त दबाव है। इस दबाव में वहां पर धर्मस्थल खोल दिए गए हैं। पाकिस्तान में एक के बाद दूसरे प्रदेश कोरोना की वार्निंग को दरकिनार किए दे रहे हैं।

पाकिस्तान का पंजाब अब तक लॉक डाउन का पालन कर रहा था। मगर अब उसने भी घुटने टेक दिए। पंजाब के औकाफ और धार्मिक मामलों के विभाग ने इसके लिए दबाव बनाया है। उसके मुताबिक बंद के कारण अब तक 26 करोड़ पाकिस्‍तानी रुपये का नुकसान हुआ है। इस बीच सिंध की सरकार भी कोरोना की वार्निंग की धज्जियां उड़ा चुकी है। सिंध की सरकार ने पूरे प्रांत में ‘जुमतुल विदा’ (रमजान की विदाई) और ईद की नमाज की अनुमति दी है।

खास बात यह भी है कि सिंध ने इसके लिए केंद्र सरकार के निर्देशों का भी हवाला दिया है। सिंध की सरकार ने साफ किया है कि ये सभी कवायद संघीय सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार होगी, जिसमें शारीरिक दूरी का ख्‍याल रखना होगा। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि सिंध और पंजाब प्रांत देश में कोरोना वायरस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र हैं। पाकिस्तान में अब तक कुल 48 हजार से ज्‍यादा COVID-19 के मामले आ चुके हैं। इसमें सिंध में सबसे ज्यादा 18,964 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि पंजाब में 6,664 कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं।

पाकिस्तान की सरकार कट्टरपंथियों के आगे पूरी तरह झुक चुकी है। सूत्रों के मुताबिक एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान पंजाब प्रांत में 544 धार्मिक स्‍थलों को फिर से खोलने और उनके लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को अंतिम रूप देने का प्रस्ताव को प्रस्तुत किया गया था। पंजाब की सरकार इसके बाद से ही दबाव में आ गई।

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