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Pakistan Political Crisis: जानिए कैसे तारीख-दर-तारीख इमरान खान के हाथ से फिसलती गई सत्ता, आखिर में गंवानी पड़ी कुर्सी

imran khan

नई दिल्ली। पाकिस्तान में सत्ता की राजनीति में इमरान खान का विकेट गिर चुका है। नेशनल असेंबली ने ऐतिहासिक अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान को पीएम पद से हटा दिया है। तमाम सियासी ड्रामे के बाद शनिवार-रविवार की दरमियानी रात करीब 1 बजे वोटिंग हुई। नेशनल असेंबली में हुई वोटिंग में उनके खिलाफ 174 वोट पड़े, जो अविश्वास प्रस्ताव के पास होने के लिए जरूरी 172 वोटों से 2 अधिक थे।  इमरान की पार्टी ने हिस्सा ही नहीं लिया। वोटिंग के पहले स्पीकर और डिप्टी स्पीकर ने इस्तीफा दे दिया था। इमरान पाकिस्तान के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें संसद ने अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया है। पाकिस्तान में सत्ता का सियासी घमासान बीते कई दिनों से चल रहा है। आप भी तारीख के हिसाब से जान लीजिए की कैसे इस सियासी घमासान के बीच इमरान खान को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी।

11 जनवरी– PML(N) के दिग्गज ख्वाजा आसिफ ने कहा कि सरकार बहुमत खो चुकी है। आंतरिक परिवर्तन किया जाएगा।

21 जनवरी– अयाज सादिक ने कहा कि विपक्ष पीएम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए तैयार है, समय बाद में तय किया जाएगा।

7 फरवरी–  PML N और PPP ने आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की।

8 मार्च– विपक्ष ने आखिरकार संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।

12 मार्च– नवाज शरीफ और असंतुष्ट पीटीआई नेता अलीम खान ने लंदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की।

21 मार्च– पाकिस्तान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 63 (ए) की व्याख्या के लिए एक संदर्भ याचिका दायर की।

27 मार्च– इमरान खान ने दावा किया कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव उन्हें बाहर करने के लिए रची गई “विदेशी साजिश” का हिस्सा है।

28 मार्च– नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ ने पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। पीटीआई को इमरान की सहयोगी पार्टी पीएमएल-क्यू का भी समर्थन मिला।

31 मार्च– पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए पाकिस्तान नेशनल असेंबली का सत्र 3 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

3 अप्रैल– नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसे असंवैधानिक बताते हुए कार्यवाही समाप्त की। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पीएम इमरान खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया और सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक स्थिति का स्वत: संज्ञान लिया।

7 अप्रैल– सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली को बहाल किया। विधानसभा को भंग करने के सरकार के फैसले और संविधान के खिलाफ कासिम सूरी के फैसले की घोषणा की। एसेंबली के अध्यक्ष असद कैसर को शनिवार को विधानसभा सत्र बुलाने का भी आदेश दिया।

8 अप्रैल– सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए निर्धारित होने से एक दिन पहले, इमरान खान ने कहा कि वह “विदेशी सरकार” के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेंगे और अगर ऐसा होता है तो समर्थन के लिए जनता की ओर रुख करेंगे।

9-10 अप्रैल– पीटीआई के निर्वाचित अध्यक्ष असद कैसर ने सुबह 10:30 बजे अविश्वास प्रस्ताव पर वोट के लिए सत्र बुलाया। इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई ने पूरे सत्र के दौरान मतदान में देरी करने की कोशिश की। कैसर ने इस्तीफा दे दिया। सादिक ने स्पीकर की सीट संभालने के बाद विपक्ष के 174 सदस्यों ने उस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जिसके कारण इमरान खान को सत्ता गंवानी पड़ी।

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