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China-Nepal Friendship : चीन के जाल में फंसा नेपाल, उसकी जमीन पर ड्रैगन ने किया कब्जा तो विरोध में सड़क पर उतरे लोग

Nepal Protest

नई दिल्ली। चीन (China) ने अपने पड़ोसी देश नेपाल (Nepal) में विस्तारवादी नीति शुरू कर दी है। पहले तो उसने अपने मित्र देश पाकिस्तान (Pakistan) के कई इलाकों में अपने प्रोजेक्ट शुरू कर वहां की जमीन अधिग्रहण कर ली। इसके बाद उसने नेपाल में भी अपने पांव जमाना शुरू कर दिया है। चीन की इस नापाक हरकत से अब वह के लोगों में गुस्सा देखने को मिल रहा है। इसी क्रम में चीन द्वारा नेपाली भूमि कब्जा कर भवन बनाए जाने के खिलाफ बुधवार को राजधानी काठमांडू में विरोध प्रदर्शन किया गया। काठमांडू स्थित चीनी दूतावास के बाहर युवाओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। नेपाल के हुम्ला जिले में सीमा स्तम्भ से दो किमी भीतर नेपाली भूमि कब्जा करके चीन के सैनिकों ने 9 भवनों का निर्माण किया है। इतना ही नहीं वहां नेपाली नागरिकों के प्रवेश पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया है।

नेपाल में चीनी दूतावास के बाहर बड़ी संख्‍या में प्रदर्शनकारी जमा हुए और गो बैक चाइना के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर लिया हुआ है जिस पर लिखा, ‘बैक ऑफ चाइना’। उन्‍होंने चीन से मांग की कि नेपाल की जमीन पर अतिक्रमण बंद करे। इस खबर के बाहर आने के साथ ही नेपाल सरकार ने सभी सुरक्षा निकाय और प्रशासनिक अधिकारियों को स्थलगत जानकारी के लिए भेजा था। हुला जिले के मुख्यालय से दो दिन की दूरी पर रहे लाप्चा क्षेत्र में चीन के तरफ से अनाधिकृत तरीके से इमारते बनाई गई है।

वहीं चीन का दावा है कि वो इमारतें जहां बनाई गई है वह चीन के ही भूभाग में पड़ता है। जबकि नेपाली पक्ष का दावा है कि 11 नंबर का सीमा स्तम्भ ही गायब कर चीन ने नेपाली भूमि अतिक्रमण करते हुए इन भवनों का निर्माण किया है। जब नेपाली अधिकारी वहां पहुंचे तो चीन ने इमारत वाली जगह पर बात करने तक से इनकार कर दिया।

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