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रूस का दावा उसने बना ली कोरोना की तीसरी वैक्सीन, पूरी दुनिया अचंभे में

corona vaccine

नई दिल्ली। इस समय पूरा विश्व कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है। दुनिया इस वक्त कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन बनाने में जुटी हुई है। इन सबके बीच कोरोना वैक्सीन की दौड़ में रूस सबसे आगे निकलता दिखाई दे रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो रूस ने कोरोनावायरस की तीसरी वैक्सीन भी बनाने का दावा कर लिया है। बता दें कि रूस ने अगस्त में अपनी पहली वैक्सीन स्पूतनिक-वी (Sputnik V) लॉन्च की थी। इसके बाद 14 अक्टूबर को दूसरी वैक्सीन एपिवैककोरोना (EpiVacCorona) आई और अब रूस की तीसरी वैक्सीन भी बनकर तैयार है।

रूस की तीसरी वैक्सीन चुमाकोव सेंटर ऑफ रशियन एकेडमी ऑफ साइंसेज में बनाई जा रही है। रिपोर्ट्स की मानें तो इस इनएक्टिवेटेड वैक्सीन को दिसंबर 2020 तक मंजूरी मिलने की संभावना है। इस वैक्सीन को नोवोसिबिर्स्क, सेंट पीटर्सबर्ग और किरोव के मेडिकल फैसिलिटी में पहले और दूसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी मिली है।

बताया जा रहा है कि पहले चरण के दौरान 6 अक्टूबर को 15 वॉलंटियर्स को ये वैक्सीन दी जा चुकी है और इनमें से किसी में भी गंभीर दुष्प्रभाव नहीं देखे गए हैं। इस वैक्सीन के दूसरे चरण का ट्रायल 285 वॉलंटियर्स पर 19 अक्टूबर को शुरू किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि इस वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।

रूस ने अपनी किसी भी वैक्सीन का बड़े पैमाने पर ट्रायल नहीं किया है। रूस की पहली वैक्सीन स्पूतनिक-वी एडिनोवायरस वेक्टर पर आधारित है। ट्रायल में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटी भी ये वैक्सीन लगवा चुकी हैं।फिलहाल ये वैक्सीन 13,000 वॉलंटियर्स को दी जा रही है।

वहीं रूस की दूसरी वैक्सीन एपिवैककोरोना एक सिंथेटिक वैक्सीन है और इसे स्पूतनिक-वी की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माना जा रहा है। इस वैक्सीन में वायरस प्रोटीन के छोटे सिंथेटिक पेप्टाइड टुकड़े हैं, जिनका इस्तेमाल इम्यून सिस्टम वायरस की पहचान करने और उन्हें बेअसर करने के लिए करता है। इसका ट्रायल 100 वॉलंटियर्स पर किया गया है।

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