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Sri Lanka Gives Jolt To China: भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत, चीन के जासूसी करने वाले जहाजों के आने पर लगी रोक हटाने से श्रीलंका का इनकार

Sri Lanka Gives Jolt To China: भारतीय नौसेना की गतिविधियों और ओडिशा से मिसाइलों के परीक्षण पर नजर रखने के लिए चीन अपने जासूसी जहाज श्रीलंका भेजता रहा है। चीन के ये जहाज करते जासूसी हैं, लेकिन वो इनको समुद्र में अनुसंधान करने वाला बताता है। भारत इस पर लगातार चिंता जताता रहा है।

टोक्यो। भारतीय नौसेना की गतिविधियों और ओडिशा से मिसाइलों के परीक्षण पर नजर रखने के लिए चीन अपने जासूसी जहाज श्रीलंका भेजता रहा है। चीन के ये जहाज करते जासूसी हैं, लेकिन वो इनको समुद्र में अनुसंधान करने वाला बताता है। भारत इस पर लगातार चिंता जताता रहा है। अब श्रीलंका ने चीन को जोरदार झटका देते हुए साफ एलान किया है कि वो अपने समुद्री क्षेत्र में विदेशी अनुसंधान जहाजों पर रोक को जारी रखेगा। इससे भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है।

श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी।

श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने मीडिया में आई उन खबरों को गलत बताया कि उनका देश अपने समुद्री क्षेत्र में विदेशी अनुसंधान जहाजों को आने की मंजूरी देने जा रहा है। श्रीलंका के विदेश मंत्री ने कहा कि उनका देश अपने जल क्षेत्र और विशेष आर्थिक क्षेत्र में विदेशी अनुसंधान जहाजों के आने पर लगी रोक को नहीं हटाएगा। जापान गए अली साबरी ने इंटरव्यू में ये बात कही। साबरी ने कहा कि टोक्यो में उन्होंने एक इंटरव्यू में विदेशी अनुसंधान जहाजों पर बयान दिया था, लेकिन इसे तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। उन्होंने श्रीलंका के अखबार द डेली मॉर्निंग पोस्ट से कहा कि विदेशी अनुसंधान जहाजों के आने पर इस साल के अंत तक रोक है। इसके बाद स्थिति की समीक्षा होगी। इस बारे में फैसला तब के हालात पर निर्भर करेगा।

चीन के जासूसी जहाज पहले साल में कई बार श्रीलंका आकर लंबे समय तक रुकते थे।

श्रीलंका के विदेश मंत्री ने अपने ताजा इंटरव्यू में कहा कि एक देश के तौर पर क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय समुद्री केंद्र बनने की हम इच्छा रखते हैं। संयुक्त राष्ट्र के नियमों के तहत समुद्र संबंधी कानून के अनुसार जिम्मेदारी को भी श्रीलंका पूरा करता है। उन्होंने कहा कि समुद्री जहाज के आने-जाने के बारे में विभिन्न देशों के लिए अलग-अलग नियम नहीं बन सकते। चीन के लिए भी अन्य देशों की तरह अवसर हैं। इससे पहले जापान पहुंचने पर श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने सरकारी एनएचके टीवी से बात की थी। एनएचके टीवी ने कहा था कि श्रीलंका के विदेश मंत्री बोले हैं कि उनका देश अपने जल क्षेत्र में अनुसंधान के लिए आने वाले विदेशी जहाजों पर लगा बैन हटाने जा रहा है। इसी पर अब श्रीलंका के विदेश मंत्री ने स्पष्टीकरण जारी कर कहा है कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।

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