नई दिल्ली। जब से अफगानिस्तान में तालिबान का शासन कायम हुआ है तभी से पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर तालिबान चर्चाओं में है। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद ऐसा लग रहा था जैसे कि उसकी पाकिस्तान के साथ खूब बनेगी। हालांकि मौजूदा हालात देखें तो तालिबान पाकिस्तान को भाव नहीं दे रहा है उल्टे सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों में खटास पैदा हो गई है। वहीं खराब अर्थव्यवस्था और सियासी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने भी युद्ध का ऐलान कर दिया है। बात करें अफगानिस्तान की तो वह अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए भारत की तरफ उम्मीद की निगाहों से देख रहा है।
आपको बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के कब्जे के बाद भी भारत ने खाद्यान्न भेजकर अफगान लोगों की मदद की थी। अब अफगानिस्तान ने अपनी अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए एक बार फिर भारत की मदद मांगी है। उसने भारत के प्राइवेट सेक्टर से निवेश करने को कहा है ताकि उसकी माली हालत सुधारी जा सके। बीते सप्ताह तालिबान के शहरी विकास मंत्री ने भारत की टेक्निकल टीम के हेड भारत कुमार के साथ बैठक की। तालिबान चाहता है कि भारत उसकी न्यू काबुल सिटी बनाने में मदद करे। बताते चलें कि अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद भारत ने अपने राजनैतिक संबंध खत्म कर दिए थे।