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Threat Of Nuclear War: रूस और नाटो देशों में परमाणु जंग का खतरा बढ़ा!, रूस के राष्ट्रपति पुतिन के एलान से हड़कंप

रूस ने 24 फरवरी 2022 से यूक्रेन के खिलाफ जंग शुरू किया था। व्लादिमिर पुतिन अब तक इसे विशेष सैन्य कार्रवाई कहते रहे हैं। बेलारूस की बात करें, तो उसके राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की पुतिन से गहरी दोस्ती है। यूक्रेन पर हमला करने से पहले रूस ने बेलारूस के सैनिकों के साथ बड़ा युद्धाभ्यास भी किया था।

Putin

मॉस्को। रूस और यूक्रेन की जंग एक साल से ज्यादा वक्त से जारी है। इस जंग में अमेरिका और नाटो के देश यूक्रेन की मदद कर रहे हैं। अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने जो बयान दिया है, उससे उनके देश और नाटो के बीच परमाणु जंग का खतरा और बढ़ता नजर आ रहा है। पुतिन के दो बयान इस खतरे को बढ़ता हुआ दिखा रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति ने शनिवार को कहा कि वो सहयोगी देश बेलारूस में टैक्टिकल परमाणु हथियारों की तैनाती करने जा रहे हैं। पुतिन ने कहा कि अमेरिका भी यूरोप के अपने सहयोगी देशों के यहां परमाणु हथियार तैनात करता रहा है। पुतिन के इस बयान से यूरोप के तमाम देशों में हड़कंप मचा है।

बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ व्लादिमिर पुतिन।

इसके अलावा व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन जंग के मसले पर भी ऐसी बात कही, जो अगर हकीकत बनी, तो नाटो देशों के साथ परमाणु जंग की स्थिति बन सकती है। पुतिन ने कहा कि अगर नाटो देशों ने डिप्लिटेड यूरेनियम वाले तोप के गोले यूक्रेन को मुहैया कराए, तो रूस भी ऐसे गोलों का इस्तेमाल युद्ध में करने को मजबूर होगा। पुतिन ने कहा कि रूस के पास डिप्लिटेड यूरेनियम वाले हजारों तोप के गोले हैं। डिप्लिटेड यूरेनियम वाले तोप के गोलों के इस्तेमाल से परमाणु हमले जैसा विनाश तो नहीं होता है, लेकिन रेडिएशन की वजह से तमाम लोगों की मौत और गंभीर बीमारी जैसे हालात बन सकते हैं।

रूस ने 24 फरवरी 2022 से यूक्रेन के खिलाफ जंग शुरू किया था। व्लादिमिर पुतिन अब तक इसे विशेष सैन्य कार्रवाई कहते रहे हैं। बेलारूस की बात करें, तो उसके राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की पुतिन से गहरी दोस्ती है। यूक्रेन पर हमला करने से पहले रूस ने बेलारूस के सैनिकों के साथ बड़ा युद्धाभ्यास भी किया था। बेलारूस ने भी कई बार यूरोपीय देशों और अमेरिका को धमकी दी है कि अगर उसपर हमला हुआ, तो रूस के साथ जंग में कूदने को वो मजबूर होगा। रूस की काफी सेना भी बेलारूस में तैनात है। रूसी मिसाइलें भी बेलारूस में तैनात की गई हैं। अब अगर बेलारूस में रूस की तरफ से टैक्टिकल परमाणु हथियार तैनात किए जाते हैं, तो शक्ति संतुलन बिगड़ने का खतरा रहेगा और ऐसे में रूस और नाटो देशों के बीच सीधे जंग के आसार बनेंगे।

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