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तुर्की मध्य-पूर्व में अमेरिका को शांति के लिए खतरा नहीं बनने देगा : एर्दोगन

इस्तांबुल। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा है कि तुर्की कभी भी अमेरिका के तथाकथित ‘डील ऑफ द सेंचुरी’ को क्षेत्र की शांति के लिए खतरा नहीं बनने देगा। तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी अनादोलु ने यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, एर्दोगन ने यह टिप्पणी एक लिखित संदेश में की जो उन्होंने सोमवार को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में इंटर-पार्लियामेंटरी जेरूसलम प्लेटफॉर्म के तीसरे सम्मेलन में भेजा।

तुर्की के नेता ने कहा कि जिस डील ने जेरूसलम को इजरायल की राजधानी घोषित किया, वह ‘एक सपने’ से अधिक कुछ नहीं है जो क्षेत्र में शांति के लिए खतरा है, और तुर्की इस सपने को सच नहीं होने देगा।

अनादोलू ने एर्दोगन के हवाले से कहा, “हम इस योजना को मान्यता नहीं देते हैं, जिसका अर्थ है कि फिलिस्तीनी भूमि को मिलाना फिलिस्तीन को नष्ट कर देने जैसा है और पूरी तरह से जेरूसलम को कब्जे में लेने जैसा है।”

उन्होंने कहा कि हम इस प्रयास को कभी स्वीकार नहीं करेंगे, जो सतह पर तो द्वि-राष्ट्र समाधान को स्वीकार करता है, लेकिन इसका मतलब अमेरिकी प्रशासन के मुख्तारनामे के तहत इजरायल के कब्जे को वैध बनाना है।

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