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Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को दी चेतावनी, 100 प्रतिशत शुल्क लगाने की दी धमकी

Donald Trump: ट्रंप ने आगे चेतावनी दी कि ‘‘अगर ब्रिक्स देशों ने ऐसा किया, तो उन्हें 100 प्रतिशत शुल्क का सामना करना पड़ेगा, या फिर अमेरिकी बाजार से अलविदा लेने की उम्मीद करनी चाहिए।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘ब्रिक्स देशों को कोई अन्य मूर्ख देश मिल जाएगा, लेकिन अमेरिकी डॉलर का स्थान लेने की संभावना बिल्कुल भी नहीं है।’’

नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को एक बार फिर एक कड़ी चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा है कि यदि ब्रिक्स देश अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा का उपयोग करने का प्रयास करेंगे तो उन पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ब्रिक्स देशों को कोई और मूर्ख देश ढूंढ लेना चाहिए।’’ ट्रंप ने अपने बयान में कहा, ‘‘ब्रिक्स देशों को अगर डॉलर से दूर जाने का विचार आया तो हम चुपचाप खड़े नहीं रहेंगे, ऐसे विचारों के दिन अब खत्म हो चुके हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि वह ब्रिक्स देशों से यह सुनिश्चित करने की मांग करते हैं कि वे न तो कोई नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे और न ही अमेरिकी डॉलर के स्थान पर किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे।


ट्रंप ने आगे चेतावनी दी कि ‘‘अगर ब्रिक्स देशों ने ऐसा किया, तो उन्हें 100 प्रतिशत शुल्क का सामना करना पड़ेगा, या फिर अमेरिकी बाजार से अलविदा लेने की उम्मीद करनी चाहिए।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘ब्रिक्स देशों को कोई अन्य मूर्ख देश मिल जाएगा, लेकिन अमेरिकी डॉलर का स्थान लेने की संभावना बिल्कुल भी नहीं है।’’

ब्रिक्स देशों के मुद्रास्फीति मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान हाल ही में जारी हुआ है, जब ब्रिक्स देशों के कुछ सदस्य देशों, विशेष रूप से रूस और चीन ने अमेरिकी डॉलर के विकल्प के रूप में अपनी मुद्रा बनाने की बात की थी। दिसंबर में भी ट्रंप ने इसी तरह की चेतावनी दी थी।

ब्रिक्स देशों की सूची

ब्रिक्स देशों का संगठन 2009 में स्थापित हुआ था और इसमें पांच प्रमुख देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। हाल ही में इसके विस्तार के बाद मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात भी इसके सदस्य बने हैं।

भारत का रुख

भारत, जो ब्रिक्स का एक अहम सदस्य है, ने हमेशा से ‘डी-डॉलराइजेशन’ के खिलाफ अपनी स्थिति स्पष्ट की है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दिसंबर में कहा था कि भारत कभी भी ‘डी-डॉलराइजेशन’ के पक्ष में नहीं रहा है और ब्रिक्स मुद्रा बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

 

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