वॉशिंगटन। एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ के मुद्दे पर कभी आगे तो कभी पीछे कदम कर रहे हैं। इस बीच, अमेरिका में मैसाच्युसेट्स के डेमोक्रेटिक सीनेटर के नेतृत्व में कुछ सीनटरों यानी सांसदों ने सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) को चिट्ठी लिखी है। अमेरिका के सीनेटरों ने चिट्ठी में लिखा है कि इसकी जांच करवाई जानी चाहिए कि ट्रंप के टैरिफ वॉर से क्या उनके करीबियों को फायदा हुआ? ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक सीनेटरों ने एसईसी को चिट्ठी में लिखा है कि ट्रंप के करीबियों और व्हाइट हाउस में काम करने वालों के शेयरों की जांच की मांग भी की है। इन सीनेटरों का कहना है कि इसकी जांच भी की जानी चाहिए कि ट्रंप ने जिस तरह 90 दिन तक टैरिफ रोकने का एलान किया, क्या उसकी पहले से उनके करीबियों को जानकारी थी? अगर ऐसा है, तो उनको ये भी पता होगा कि शेयर बाजार किस तरह का व्यवहार करेगा।
दरअसल, ट्रंप ने जब टैरिफ का एलान किया था, तब अमेरिका समेत दुनिया के शेयर बाजार लगातार गिरते गए। इसके बाद जब अमेरिका के राष्ट्रपति ने 90 दिन तक टैरिफ पर रोक लगाने की घोषणा की, तब शेयर बाजार ऊपर उठे। इन सीनेटरों ने एसईसी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि अगर डोनाल्ड ट्रंप को फंड देने वाले या उनके करीबी लोग इस मामले में शामिल हैं, तो ये अमेरिका के सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन है। इन सीनेटरों ने कहा है कि जब टैरिफ लगाने के एलान के बाद शेयर बाजार लगातार गिर रहे थे, तब ट्रंप ने सोशल मीडिया पर ये भी लिखा कि ये खरीदने का बेहतरीन मौका है। इससे भी शक बढ़ता है। इन सीनेटरों ने लिखा है कि वे इसकी जांच चाहते हैं कि क्या अमेरिका की जनता की कीमत पर टैरिफ के एलान ने राष्ट्रपति ट्रंप के दोस्तों और प्रशासन के लोगों को अमीर बनाया है?
डोनाल्ड ट्रंप ने बीती 2 अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का एलान किया था। चीन ने ट्रंप के टैरिफ का जवाब टैरिफ बढ़ाकर दिया। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध छिड़ गया। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिनों टैरिफ को 90 दिन तक टाल दिया। उनका कहना है कि 75 देशों से इस मसले पर बातचीत चल रही है। जबकि, चीन पर लगा टैरिफ उन्होंने नहीं हटाया, बल्कि लगातार बढ़ाते भी गए। अब सीनेटरों की चिट्ठी पर अगर एसईसी जांच बिठाती है, तो इसका असर देखने को मिल सकता है। ट्रंप लगातार ये कह रहे हैं कि अब तक दुनियाभर ने अमेरिका को टैरिफ लगाकर लूटा है। उनका कहना है कि जो भी कंपनियां अमेरिका में अपने सामान का उत्पादन करेंगी, उन पर टैरिफ नहीं लगेगा।