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What Is Tariff Wall On Pharma In Hindi: क्या है टैरिफ वॉल?, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दवा बनाने वाली कंपनियों पर इस वजह से लगाने की दी है चेतावनी

What Is Tariff Wall On Pharma In Hindi: ट्रंप लगातार ये कहते रहे हैं कि अमेरिका के दोस्त देशों तक ने उनके यहां के उत्पादों पर टैरिफ लगाया। ट्रंप का कहना है कि टैरिफ लगाकर अब तक सभी देशों ने अमेरिका को लूटा है। ट्रंप ने 2 अप्रैल से तमाम देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया था, लेकिन बीते दिनों उन्होंने इस कदम को 90 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया। ट्रंप का कहना है कि इस दौरान सभी देश अमेरिका से व्यापार समझौता कर सकते हैं और अपने यहां टैरिफ भी घटा सकते हैं।

वॉशिंगटन। दुनिया के तमाम देशों के उत्पादों पर टैरिफ लगाने और फिर उसे 90 दिन के लिए रोकने के बाद अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दवा बनाने वाली कंपनियों को टैरिफ वॉल लगाने की चेतावनी दी है। फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड मैन्युफैक्चरर्स ऑफ अमेरिका यानी पीएआरएमए की तरफ से दी गई रिपोर्ट के बाद ट्रंप ने दवा बनाने वाली कंपनियों को ये चेतावनी दी है। रिपोर्ट में अमेजन, ब्रिस्टल, एली लिली, फाइजर और मायर्स स्किवब कंपनियां भी शामिल हैं। अगर ट्रंप ने दवा बनाने वाली कंपनियों पर टैरिफ वॉल लगाया, तो इससे अमेरिका में आयात की जाने वाली दवाइयों की कीमत में 12.9 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।

इस टैरिफ वॉल का असर भारत पर भी पड़ सकता है। इसकी वजह ये है कि भारत से भी अमेरिका दवाइयों का आयात करता है। ट्रंप ने जिस टैरिफ वॉल को लगाने की चेतावनी दी है, उसके तहत दवाइयों के आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया जा सकता है। इससे अमेरिका में बिकने वाली दवाइयों की लागत साल में 51 बिलियन डॉलर ज्यादा हो सकती है। पीएआरएमए की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका ने साल 2023 में 203 बिलियन डॉलर कीमत की दवाइयों का आयात किया। ज्यादातर यानी करीब 73 फीसदी दवाइयां जर्मनी, आयरलैंड और स्विटजरलैंड से आईं। वहीं, अमेरिका में 2023 में 393 बिलियन डॉलर कीमत की दवाइयां बिकीं। दवा बनाने वाली कंपनियों ने ट्रंप की सरकार से आयातित दवाइयों पर धीरे-धीरे टैरिफ लागू करने की अपील की है। ताकि आर्थिक मार कम हो।

अगर ट्रंप ने तैयार दवाइयों पर टैरिफ वॉल लगाई, तो बढ़ी हुई कीमत का बोझ उपभोक्ताओं को देना होगा। यानी अमेरिका में लोगों को दवा खरीदने के लिए जेब ज्यादा ढीली करनी होगी। ट्रंप लगातार ये कहते रहे हैं कि अमेरिका के दोस्त देशों तक ने उनके यहां के उत्पादों पर टैरिफ लगाया। ट्रंप का कहना है कि टैरिफ लगाकर अब तक सभी देशों ने अमेरिका को लूटा है। ट्रंप ने 2 अप्रैल से तमाम देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया था, लेकिन बीते दिनों उन्होंने इस कदम को 90 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया। ट्रंप का कहना है कि 90 दिन की समयसीमा में अन्य देश अमेरिका से व्यापार समझौता कर टैरिफ से बच सकते हैं। बताया जा रहा है कि इस समयसीमा में भारत का अमेरिका से अंतरिम व्यापार समझौता हो सकता है। जो 2025 के अंत तक पूरी तरह लागू हो जाएगा। जापान और दक्षिण कोरिया भी अमेरिका से व्यापार समझौता करने वाले देशों में अग्रणी हो सकते हैं।

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