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WHO की चीन को बचाने की एक और चाल, संदिग्ध लैब जाकर कोरोना फैलने की जांच नहीं करेगी टीम

नई दिल्ली। शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि उनकी टीम कोरोना वायरस की उत्पति के बारे में पता लगाने के लिए चीन रवाना होनेवाली है। लेकिन अब एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि WHO की टीम चीन के संदिग्ध लैब का दौरा नहीं करेगी जो कई महीने से सवालों के घेरे में है।

independent.co.uk की रिपोर्ट के मुताबिक, WHO के दो सदस्यों की टीम वुहान की लैब की जांच नहीं करेगी। चीन का कहना है कि कोरोनावायरस वुहान के जंगली जीवों के मार्केट से फैला। लेकिन अमेरिका सहित कई एक्सपर्ट ये कहते रहे हैं कि हो सकता है कि कोरोना वायरस वुहान की संदिग्ध वायरोलॉजी लैब से लीक हुआ।

चीनी मीडिया की रिपोर्ट में भी ये बात सामने आई थी कि वुहान की लैब में कई तरह के वायरस स्टोर करके रखे गए थे। लेकिन WHO का दावा है कि उनकी टीम वायरस की उत्पति के बारे में जानकारी जुटाने के लिए ही चीन गई है। WHO की टीम वुहान जाएगी। लेकिन वहां सिर्फ जानवरों में कोरोना वायरस पाए जाने को लेकर पड़ताल करेगी और यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि कैसे जीवों से इंसानों में वायरस फैला। इसी वजह से ये समझा जा रहा है कि WHO लैब से वायरस लीक होने की थ्योरी की जांच नहीं करेगी।

Independent में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, WHO के अधिकारियों ने उन जगहों के बारे में जानकारी देने से मना कर दिया है जहां जांच टीम जाएगी। हालांकि, ऐसा समझा जा रहा है कि चीनी अधिकारी जांच टीम पर नजर रखेंगे और सीमित दायरे में ही टीम दौरा कर सकेगी। इससे पहले एक रिपोर्ट में पता चला था कि चीनी लैब में करीब 10 साल पहले ऐसे वायरस रखे गए थे, जो कोरोना वायरस से 96.2 फीसदी तक मिलते जुलते थे।

अमेरिका के न्यू जर्सी में स्थित Rutgers University के मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट रिचर्ड एब्राइट कहते हैं कि जांच तभी महत्वपूर्ण मानी जाएगी, जब जांचकर्ता लैब से वायरस लीक होने की आशंका की भी पड़ताल करेंगे। उन्होंने कहा कि WHO को यह भी देखना चाहिए कि क्या लैब में वायरस में बदलाव करके इसे इंसानों में संक्रमण फैलाने लायक बनाया गया।

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