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EMI Will Not Come Down As Repo Rate Unchanged: लोन पर ईएमआई की दर नहीं घटेगी, रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 6.50 फीसदी बनाए रखने का फिर किया फैसला; एफडी पर ज्यादा ब्याज मिलेगा

EMI Will Not Come Down As Repo Rate Unchanged: दुनियाभर में आर्थिक हालात, अमेरिका में मंदी के संकेत और महंगाई कम न होने के कारण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ब्याज की दरों में कोई कटौती न करने का फैसला किया है। इससे लोन पर ईएमआई की दर भी कम न होने के आसार हैं।

RBI

मुंबई। दुनियाभर में आर्थिक हालात, अमेरिका में मंदी के संकेत और महंगाई कम न होने के कारण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ब्याज की दरों में कोई कटौती न करने का फैसला किया है। मुंबई में रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति कमेटी यानी एमपीसी की बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने ये जानकारी दी है। शक्तिकांत दास ने बताया कि एमपीसी ने रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बनाए रखने का फैसला किया है। वहीं, एसडीएफ की दर 6.25 फीसदी और एमएसएफ दर और बैंक दर को 6.75 फीसदी रखने का फैसला रिजर्व बैंक ने किया है। रेपो रेट वो दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक सभी बैंकों को जमा पर रकम देता है।

रिजर्व बैंक के ब्याज दरों में बदलाव न करने के फैसले से होम लोन लेने वालों को बड़ा झटका लगा है। होम लोन की ईएमआई कम नहीं होगी। वहीं, बैंकों में एफडी कराने वालों को इससे फायदा होगा। उनको एफडी पर ज्यादा ब्याज मिलता रहेगा। बता दें कि रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू होने के बाद जब अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को बढ़ाना शुरू किया, तो भारत में अर्थव्यवस्था को पटरी पर रखने और महंगाई को नियंत्रण में करने की खातिर रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों, खासकर रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी। इससे महंगाई ज्यादा उछाल नहीं ले सकी। हालांकि, होम लोन की ईएमआई भरने वालों को तभी से राहत नहीं मिल सकी है।

रिजर्व बैंक की एमपीसी की हर तीन महीने पर बैठक होती है। अब अक्टूबर में एमपीसी की बैठक होगी। उस वक्त तक अगर यूक्रेन और रूस का युद्ध थम जाता है और मंदी की चपेट में देश नहीं आते, तो ब्याज दरों को घटाने पर रिजर्व बैंक फैसला कर सकता है। अगर आपने लोन ले रखा है, तो आपको रिजर्व बैंक की अगली एमपीसी की बैठक का इंतजार करना होगा।

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