News Room Post

Will RBI Slash Repo Rate After Federal Reserve Cuts Lending Rates: अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में की कटौती, क्या अब आरबीआई भी रेपो रेट घटाएगा?

नई दिल्ली। अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने 4 साल में पहली बार ब्याज दर में 50 बेसिस प्वॉइंट कम करने का एलान किया है। रूस और यूक्रेन का जंग शुरू होने के बाद से अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने लगातार ब्याज दर में बढ़ोतरी की थी। इससे अमेरिका में ब्याज दर बढ़कर 5 फीसदी तक हो गई थी। 23 साल बाद अमेरिका में फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर बढ़ाने का काम किया था। अब फेडरल रिजर्व ने संकेत दिया है कि आने वाले वक्त में ब्याज दर को और कम किया जा सकता है। ऐसे में अब सबकी नजर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई पर लगी है। जबसे फेडरल रिजर्व ने अमेरिका में ब्याज दर बढ़ानी शुरू की, तो अर्थव्यवस्था पर दबाव और लगातार महंगाई बढ़ते देखकर आरबीआई ने भी रेपो रेट बढ़ाना शुरू किया और बीते कुछ वक्त में रेपो रेट को नहीं घटाया है।

आरबीआई की एमपीसी यानी मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट में कई बार इजाफा कर इसे 6.5 फीसदी तक कर दिया था। इससे अर्थव्यवस्था पर दबाव कम हुआ और महंगाई भी नियंत्रण में रही। हालांकि, इससे लोन यानी कर्ज लेने वालों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। रेपो रेट में कोई कटौती न होने के कारण लोन पर ब्याज दर एक बार जो चढ़ी, वो अब तक नीचे नहीं आई है। वहीं, बैंकों में एफडी या दूसरे तरह का निवेश करने वालों को रेपो रेट में बढ़ोतरी से ज्यादा ब्याज मिला और उनकी बल्ले-बल्ले हुई। अब सबकी नजर इस पर है कि क्या अमेरिका के फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दर घटाने के बाद आरबीआई भी रेपो रेट कम करेगा?

इस बारे में भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई के अध्यक्ष श्रीनिवासुलु रेड्डी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई के सवाल पर कहा कि फिलहाल आरबीआई की तरफ से रेपो रेट घटाए जाने के आसार नहीं दिख रहे हैं। इसकी वजह महंगाई भी है। एसबीआई अध्यक्ष के बयान के अलावा कुछ और कारक भी ऐसे हैं, जिनकी वजह से आने वाले वक्त में आरबीआई की तरफ से रेपो रेट घटाए जाने के आसार नहीं दिख रहे हैं। इन कारक में शेयर बाजार भी है। जबसे फेडरल रिजर्व ने अमेरिका में ब्याज दर बढ़ाई, उसके बाद से लगातार भारतीय शेयर बाजार में भी उछाल देखा गया है और ये नई ऊंचाई तक पहुंचा। ऐसे में अब देखना ये है कि आरबीआई की एमपीसी की अगली बैठक में रेपो रेट घटाने का फैसला लिया जाता है या नहीं?

Exit mobile version