पेरिस। दुनियाभर में कोरोना के कहर के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक और चेतावनी जारी की है। जिसके मुताबिक जरूरी नहीं कि एक वैक्सीन से कोरोना खत्म हो जाए। साथ ही संगठन का कहना ये भी है कि संभव है कि इसकी कोई अचूक दवा शायद कभी ना हो।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉक्टर टेड्रोस एडोनोम गेब्रिएसस ने कहा कि उम्मीद है कि कोविड-19 की वैक्सीन मिल जाए, लेकिन अभी इसकी कोई अचूक दवा नहीं है और संभव है कि शायद कभी ना हो। WHO ने सोमवार को कहा कि भले ही COVID-19 से बचने के लिए वैक्सीन बनाने की रेस तेज हो गई है, लेकिन कोरोना वायरस के जवाब में कोई ‘रामबाण’ समाधान शायद कभी न निकल सके। WHO ने यह भी कहा है कि भारत जैसे देशों में ट्रांसमिशन रेट बहुत ज्यादा है और अभी उन्हें काफी लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए।
उन्होंने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अभी इसका कोई पुख्ता इलाज नहीं है और शायद कभी होगा भी नहीं। उन्होंने यह भी कहा है कि अभी हालात सामान्य होने में और वक्त लग सकता है। टेड्रोस इससे पहले भी कई बार कह चुके हैं कि शायद कोरोना कभी खत्म ही ना हो और इसी के साथ जीना पड़े।
इससे पहले टेड्रोस ने कहा था कि कोरोना दूसरे वायरस से बिल्कुल अलग है क्योंकि वह खुद को बदलते रहता है। मौसम बदलने से कोरोना पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि कोरोना मौसमी नहीं है। टेड्रोस ने कहा कि दुनिया भर के लोग कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ का अच्छे से धोना और मास्क पहनने को नियम की तरह ले रहे हैं और इसे आगे भी जारी रखने की जरूरत है। दुनिया भर में अब तक एक करोड़, 81 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं मरने वालों की तादाद भी छह लाख, 89 हजार पहुंच गई है।