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Darlings Review: क्या लोग Alia Bhatt की नई फिल्म डार्लिंग्स को पसंद करेंगे, या बॉयकॉट कर देंगे?

Darlings Review: क्या लोग Alia Bhatt की नई फिल्म डार्लिंग्स को पसंद करेंगे, या बॉयकॉट कर देंगे? क्या पटकथा में उस तरह की जान है जो दर्शकों का मनोरंजन कर सके ? या फिर क्या आलिया किरदारों को ढाल पाईं हैं? यहां हम इन्हीं कुछ सवालों का जवाब देंगे।

नई दिल्ली। भारी बॉयकॉट के बाद डार्लिंग्स (Darlings) नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज़ हो गई है। इस फिल्म में आलिया भट्ट (Alia Bhatt), शेफाली शाह (Shefali Shah), विजय वर्मा (Vijay Varma) और रोशन मैथ्यू (Roshan Mathew) मुख्य कलाकार की भूमिका में हैं। फिल्म का निर्देशन जसमीत के रीन ने किया है और फिल्म की पटकथा परवेज़ शेख (Parveez Shekh) और जसमीत के रीन (Jasmeet K. Reen) ने लिखे हैं। इसके अलावा फिल्म के संवाद को विजय मौर्या (Vijay Maurya) और परवेज शेख ने लिखा है। अब से कुछ दिन पहले से ही सोशल मीडिया पर इस फिल्म का भी बॉयकॉट (#Boycottaliabhatt) का चलन शुरू हुआ जो अब तक चल रहा है। लेकिन इतने भारी बॉयकॉट के बाद, क्या दर्शकों को यह फिल्म पसंद आएगी ? क्या फिल्म की कहानी उस हिसाब से है जो दर्शकों का ध्यान आकर्षित करे ? क्या पटकथा में उस तरह की जान है जो दर्शकों का मनोरंजन कर सके ? या फिर क्या आलिया किरदारों को ढाल पाईं हैं? यहां हम इन्हीं कुछ सवालों का जवाब देंगे।

क्या है कहानी

यह एक मां, लड़की और उसके पति की कहानी है। मां और लड़की का नाम परस्पर शम्सुनीशा अंसारी और बदरुनीशा शेख है। बदरूनीशा के पति का नाम हमजा शेख है। बदरुनीशा शेख का किरदार आलिया भट्ट ने, हमजा शेख का का किरदार विजय वर्मा ने और शम्सुनीशा अंसारी का किरदार शेफाली शाह ने निभाया है। दोनों एक चॉल जैसी बिल्डिंग में रहते हैं। बदरूनीशा और हमजा की शादी हो गई है और दिक्क्त ये है की हमजा, बदरूनीशा को खूब पीटता है। हमजा को शराब की लत भी है।

बदरूनीशा को लगता है की हमजा सुधरा जाएंगे पर ऐसे में दिन-ब -दिन गुजरते जाते हैं। बदरू की मां शम्सुनीशा, कई बार बदरूनीशा को घर वापस आने के लिए कहती है पर बदरू लौटने से इंकार कर देती है। इसके बाद पूरी कहानी इसी विषय पर केंद्रित है की क्या बदरू वापस मां के पास चली जाएगी ? क्या हमजा बदल/सुधर जाएगा ? क्या ये दोनों फिर से एक प्यारी जिंदगी जीने लगेंगे ? कहानी इन्हीं प्रश्नों के इर्द-गिर्द घूमती है।

कैसी है कहानी

इस फिल्म की पटकथा (Screenplay) जसमीत के रीन और परवेज शेख ने लिखा है। कहानी नई और अच्छी है। हालांकि यह फिल्म सिनेमाघर के लिए नहीं बनी है। फिल्म बीच में धीमी और उबाऊ भी होती है। लेकिन उससे पहले और बाद में कहानी, आपका अच्छा मनोरंजन करती है। कहानी में कई ट्विस्ट और टर्न हैं, जिनमें से कुछ अच्छे और कुछ बुरे भी हैं। कहानी का का दूसरा हॉफ अच्छा है और आखिरी के 20 मिनट में कहानी पूरा समां बांध लेती है। फिल्म के संवाद (Dialogue) विजय मौर्या और परवेज शेख ने लिखे हैं जो की मजेदार/दमदार हैं। फिल्म की पटकथा और संवाद बेहतरीन हैं।

अभिनय में, आलिया भट्ट का काम भी काफी अच्छा है। उनके अभिनय के कारण आप फिल्म से जुड़ाव महसूस कर पाते हैं। आलिया के कारण आप इमोशनल भी होते हैं और कई जगह पर आलिया, स्क्रीन पर मनोरंजन की छाप भी छोड़ जाती हैं। इसके अलावा शेफाली शाह और विजय वर्मा ने भी स्क्रीन पर बेहतरीन परफॉर्मेंस दिया है। अन्य कलाकारों का काम भी अच्छा है।

जसमीत के रीन ने बखूबी फिल्म का निर्देशन (Direction) किया है। अच्छी कहानी लिखने के बाद उसे पर्दे पर उतार पाना मुश्किल होता है पर जसमीत के निर्देशन के कारण, फिल्म के पॉइंट्स और बढ़ने चाहिए।

फिल्म में म्यूजिक विशाल भरद्वाज (Vishal Bhardwaj) और लिरिक्स गुलजार (Gulzar) के हैं। इन दोनों के बनाए गए गीत जब फिल्म में उतरते हैं वो उस सीन को और खूबसूरत बना देते हैं। अनिल मेहता (Anil Mehta) का छायांकन (Cinematography) ऐसा है, जो किरदारों को यथार्थ (Real) और दिलचस्प (Intresting) बनाए रखने में मदद करता है। यह फिल्म जितने बेहतरीन ढंग से लिखी गई, उतने ही बेहतरीन ढंग से फिल्मायी गई है। इसके अलावा कहानी को अभिनय (Acting) और छायांकन (Cinematography) के द्वारा सजाया गया है जिसके बाद आप फिल्म को बार-बार देखने का मन बना सकते हैं।

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