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Operation Kaveri: सूडान से अब तक 2800 भारतीयों को निकाला गया, अंधेरे में विमान उतारकर भी किया गया रेस्क्यू

शुक्रवार रात भारतीय वायुसेना के सी-130 जे हरक्यूलिस विमान को सूडान की राजधानी खारतूम से 40 किलोमीटर दूर की एक बहुत खराब हवाई पट्टी पर उतारकर भारतीयों को रेस्क्यू किया गया था। बिजली न होने की वजह से पायलटों ने नाइट विजन गॉगल्स पहनकर विमान को उतारा और उड़ान भरी।

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नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में चौथी बार भारतीयों का बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया है। ‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत अब तक सूडान से 2800 से ज्यादा भारतीयों को निकाला जा चुका है। इनमें से 2300 भारतीय देश लौट चुके हैं। सऊदी अरब के जेद्दा से इनको भारत लाया गया है। सूडान से भारतीयों को निकालने के लिए वायुसेना और नौसेना की मदद ली जा रही है। मोदी सरकार ने इससे पहले यमन, अफगानिस्तान और यूक्रेन से भारतीयों को सकुशल बचाया था। सूडान से निकाले गए भारतीयों के 8वें बैच को लेकर वायुसेना का विमान रविवार को दिल्ली पहुंचा। विमान में 40 लोग थे। इससे पहले रविवार को ही 229 भारतीयों को बेंगलुरु पहुंचाया गया था।

भारतीयों के रेस्क्यू के लिए सूडान में गरुड़ कमांडो भी तैनात किए गए।

सूडान से 15बैच में भारतीयों को जेद्दा पहुंचाया गया। 15वें बैच में 135 भारतीय जेद्दा गए थे। इससे पहले 288 लोगों को जेद्दा लाया गया था। पहले भारत ने नौसेना के दो जहाजों को रेस्क्यू मिशन में लगाया था। जिसके बाद बीते शुक्रवार से वायुसेना को भी इस काम में लगाया गया। शुक्रवार रात भारतीय वायुसेना के सी-130 जे हरक्यूलिस विमान को सूडान की राजधानी खारतूम से 40 किलोमीटर दूर की एक बहुत खराब हवाई पट्टी पर उतारकर भारतीयों को रेस्क्यू किया गया था। बिजली न होने की वजह से पायलटों ने नाइट विजन गॉगल्स पहनकर विमान को उतारा और उड़ान भरी। वायुसेना के विमान में भारतीयों को बिठाने के दौरान सुरक्षा के लिए गरुड़ कमांडो भी तैनात किए गए थे।

अंधेरे में विमान उतारकर भारतीयों का रेस्क्यू करने वाले वायुसेना पायलट रवि नंदा।

इस विमान के कैप्टन रवि नंदा थे। रवि इससे पहले अफगानिस्तान से भी भारतीयों को निकाल चुके हैं। सूडान के वादी सयीदिना का रनवे बहुत खराब हालत में है। यहां न ईंधन था और न ही लाइट्स थीं। इसके बावजूद इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सेंसर की मदद से रवि नंदा ने विमान उतारा और सकुशल उड़ान भी भरी। सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष शुरू होने के दौरान करीब 4000 भारतीय वहां थे। बाकी को भी निकालने की पूरी कोशिश जारी है।

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