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टिकैत पर भड़के बिट्टा, कहा- “इस लुच्चे की ऐसी की तैसी, ये बदमाश चाहता था कि सिख बदनाम हों..”

Maninder singh Bitta Rakesh Tikait

नई दिल्ली। दिल्ली में 26 जनवरी को लाल किले पर हुए तिरंगे के अपमान के बाद हर कोई इस घटना की निंदा कर रहा है। बता दें कि प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा दिल्ली में हुई हिंसा की घटना को लेकर अब किसानों को लोगों की आलोचना का शिकार होना पड़ा है। इसके लिए लोग किसान संगठनों की अगुवाई कर रहे नेताओं को भी निशाना बना रहे हैं। वहीं भारतीय युवा कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के मौजूदा अध्यक्ष मनिन्दरजीत सिंह बिट्टा(MS Bitta) ने राकेश टिकैत पर भड़कते हुए उनकी नीयत पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अपनी भाषा में राकेश टिकैत को लुच्चा और बदमाश भी कहा है। बिट्टा ने टिकैत पर आरोप लगाया कि उन्होंने सिखों को बदनाम करने की कोशिश की है। बिट्टा में माना है कि लाल किले की हरकत से तिरंगे का अपमान हुआ है, जिसे माफ नहीं किया जा सकता है। बता दें कि सोशल मीडिया पर एमएस बिट्टा का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो ये सारी बातें करते दिखाई दे रहे हैं।

गौरतलब है कि ये वीडियो सरदार लकी सिंह नाम के एक सिख ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है। इस वीडियो में बिट्टा कहते दिखाई दे रहे हैं कि, “इस टिकैत की ऐसी की तैसी, इस बदमाश, लुच्चे की, ये चाहता था कि, सिख कौम के ऊपर गोली चले..और मैं उनकी लाशों पर बैठकर राजनीति करूं।”

उन्होंने आगे कहा कि, इस बदमाश, गुंडा, देशद्रोही जिसकी भड़ाकाऊ बयानबाजी के कारण तिरंगे झंडे का अपमान हुआ, ये चाहता था टिकैत? बिट्टा ने कहा कि, ये चाहता था सन 84 के दंगे के इतिहास को दोहराया जाए?

वीडियो-

बिट्टा ने कहा कि, अब टिकैत कुत्ते की तरह रो रहा है..उसकी आवाज कुत्ते की तरह आ रही है, कह रहा है कि मैं आत्महत्या कर लूं? उन्होंने टिकैत पर कहा कि, तुम गिरफ्तारी से डरते हो? उन्होंने कहा कि..तुम्हारी सारी गलतियां माफ हो सकती है लेकिन तुमने जो पंजाब के नौजवानों को भड़काकर लाल किले पर जो काम किया है, उसके लिए तुम्हें देश के लोग माफ नहीं करेंगे।

वहीं बिट्टा की बात करें तो इनका पूरा नाम मनिंदरजीत सिंह बिट्टा है। उन्हें देश में जिंदा शहीद कहा जाता है। केंद्र सरकार ने उन्हें जीवनभर के लिए जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। इतना ही नहीं वर्तमान में उनके ऊपर फिल्म भी बन रही है। गौरतलब है कि जब 1992 में अमृतसर में एक ब्लास्ट में 13 लोग मारे गए थे तब बिट्टा ने उस हादसे में अपना एक पैर खो दिया था। मनिंदरजीत सिंह बिट्टा पर नई दिल्ली में भी जानलेवा हमला हुआ था। जिसमें उनके बॉडीगार्ड की मौत हो गई थी।

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