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AIMIM On Opposition Unity: ‘मुस्लिमों का वोट चाहिए लेकिन प्रतिनिधित्व नहीं देंगे’, ओवैसी की एआईएमआईएम का विपक्षी गठबंधन पर निशाना

opposition vs owaisi

मुंबई। देश में तमाम राजनीतिक दल हैं। कुछ केंद्र की मोदी सरकार के साथ हैं। कुछ विपक्ष में हैं। विपक्ष के 26 दल अगले लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट हुए हैं, लेकिन तमाम और दल इस गठबंधन से बाहर रखे गए हैं। ऐसा ही एक दल असदुद्दीन ओवैसी का ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन यानी एआईएमआईएम भी है। पटना और बेंगलुरु में विपक्षी दलों ने बैठक की, तो एआईएमआईएम को न्योता तक नहीं भेजा। असदुद्दीन ओवैसी इस मुद्दे पर पहले ही भड़ास निकाल चुके हैं। अब ओवैसी की पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक पर निशाना साधा है।

वारिस पठान ने कहा कि विपक्षी दल एआईएमआईएम को अछूत मानते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का गठबंधन कह रहा है कि उनको देश को बचाना है, संविधान को बचाना है और बीजेपी को हराना है। पठान ने कहा कि एआईएमआईएम का भी यही लक्ष्य है। फिर हमें अपनी बैठक से नजर अंदाज कैसे कर सकते हैं। वारिस पठान ने कहा कि एआईएमआईएम तो यूपीए सरकार के साथ थी और जो प्रफुल्ल पटेल पटना में विपक्ष की पहली बैठक में आए, वो अब बीजेपी के साथ चले गए हैं। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति (ओवैसी) जो संविधान को बचाने की बात कर रहा है, यूसीसी के खिलाफ जंग कर रहा है, उसे आप कैसे दूर रख सकते हैं।

वारिस पठान ने सवाल उठाते हुए कहा कि नतीश कुमार और उद्धव ठाकरे अचानक सेकुलर हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों को मुस्लिमों का वोट चाहिए, लेकिन प्रतिनिधित्व नहीं चाहिए। ओवैसी की पार्टी के प्रवक्ता के मुताबिक एआईएमआईएम को सब लोग बीजेपी की बी टीम बताते हैं, लेकिन महाराष्ट्र में सभी ने देख लिया कि बीजेपी की बी टीम कौन है। बता दें कि ओवैसी की पार्टी हर चुनाव में मुस्लिम बहुल सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारती है। कई जगह वे जीते भी हैं, लेकिन इसी वजह से अन्य विपक्षी दल ओवैसी को वोट काटने वाला बताकर बीजेपी की बी टीम होने का आरोप लगाती है।

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