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Opposition I.N.D.I.A Meeting: दिल्ली में आज विपक्षी दलों की बैठक, सीट बंटवारे में कांग्रेस को लग सकता है झटका

Opposition meeting

नई दिल्ली। विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की आज दिल्ली में अहम बैठक है। दोपहर 3 बजे अशोक होटल में विपक्ष के नेताओं की बैठक होगी। इस बैठक में लोकसभा चुनाव के दौरान सीटों के बंटवारे और न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर एकराय बनाने की कोशिश विपक्ष के नेता करेंगे। विपक्षी गठबंधन की बैठक से पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने उम्मीद जताई कि विपक्षी गठबंधन लोकसभा चुनाव को जीतेगा। वहीं, लोकसभा और राज्यसभा से अपने 92 सांसदों के निलंबन के बाद विपक्षी गठबंधन ने तय किया है कि उसके सांसद अब संसद के बाकी बचे सत्र में नहीं जाएंगे। हंगामा करने के कारण लोकसभा से 46 और राज्यसभा से 45 सांसदों को निलंबित किया गया था। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह पहले ही जेल में हैं और निलंबित भी किए जा चुके हैं। लोकसभा में विपक्ष के पास 133 और राज्यसभा में 95 सांसद हैं।

विपक्षी दलों के गठबंधन की बैठक में सीट बंटवारे के अहम मुद्दे पर आमराय बनाने की कोशिश तो होगी, लेकिन इस मामले में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के ताजा बयान से पेच फंस सकता है। केजरीवाल ने बीते दिनों कहा था कि पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटें उनकी पार्टी को मिलनी चाहिए। वहीं, सीटों के बंटवारे पर यूपी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बंगाल में टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी मानेंगी या नहीं, ये भी देखना बाकी है। ममता बनर्जी ने सोमवार को ही मीडिया से कहा था कि उनके राज्य पश्चिम बंगाल में तो कांग्रेस सिर्फ 2 ही लोकसभा सीटें जीत सकी थी। इस बीच, अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ममता बनर्जी और शिवसेना-यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की।

इससे पहले विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की 3 बैठक हो चुकी हैं। पहली बैठक पटना में हुई थी। फिर बेंगलुरु और मुंबई में बैठक हुई। इन बैठकों में सीट बंटवारे को लेकर कोई आमराय नहीं बन सकी थी। तीनों बैठक में न्यूनतम साझा कार्यक्रम या गठबंधन के झंडे और लोगो पर भी फैसला नहीं हो सका था। इस बार की बैठक इसलिए भी खास है, क्योंकि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के अलावा मिजोरम के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की दुर्गति हुई है। कांग्रेस सिर्फ तेलंगाना जीत सकी है। ऐसे में विपक्षी दल कांग्रेस को कम सीटों का प्रस्ताव देकर झटका भी दे सकते हैं। क्योंकि इस बार की हार से कांग्रेस मोल-तोल करने की स्थिति में फिलहाल नहीं दिख रही है।

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