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UP News: इलाहबाद HC ने नहीं सुनी अफजाल अंसारी की गुहार, हाईकोर्ट ने दिया झटका, नहीं करेगी सांसदी बहाल, अब बचा है ये विकल्प

नई दिल्ली। बीजेपी विधायक कृष्णानंद हत्या मामले में गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने बीएसपी के निवर्तमान सांसद व मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई थी। बता दें कि जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक, जब किसी राजनेता को किसी मामले में दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी संसद सदस्यता रद कर दी जाती है। लिहाजा कोर्ट के उक्त फैसले के बाद अफजाल अंसारी को अपनी सांसदी पद से हाथ धोना पड़ा था।

इसके बाद उन्होंने गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट के फैसले के खिलाफ इलाहबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने गाजीपुर कोर्ट की ओर से सुनाए गए सजा पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन आज इलाहबाद कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर गाजिपुर की एमपी/एमएल कोर्ट की ओर से सुनाए गए फैसले को बरकरार रखा है। जिसे आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व अफजाल अंसारी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि, अभी उनके पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प है। अब ऐसे में देखना होगा कि वो आगामी दिनों में क्या कुछ कदम उठाते हैं, लेकिन अगर उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली, तो वो विकल्पविहीन हो जाएंगे। इसके बाद उनके पास कोर्ट के फैसले को मानने के अलावा और कोई विकल्प शेष नहीं रहेगा।

खैर, जहां एक तरफ गाजीपुर की एमपी एमएल कोर्ट ने इलाहबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखकर अफजाल अंसारी को बड़ा झटका दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ उनकी जमानत याचिका पर मंजूरी की मुहर लगाकर उन्हें बड़ी राहत भी दी गई है। बता दें कि बीमारी सहित अन्य दलीलों के आधार पर हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी को जमानत दे दी गई है। बता दें कि इससे पहले गत 12 जुलाई को भी इस मामले की सुनवाई हुई थी। तब कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बहरहाल, अब आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व अफजाल अंसारी इन कानूनी जाल से बाहर निकलने के लिए क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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