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Bihar: जातीय जनगणना करा रहे नीतीश पर सहयोगी कांग्रेस ने साधा निशाना, पार्टी ने उठाया ये गंभीर सवाल

nitish kumar

पटना। बिहार में सीएम नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना शुरू कराया है। घर-घर जाकर जातियों के आंकड़े लिए जा रहे हैं। इस बीच, उनकी ही सरकार में सहयोगी कांग्रेस ने जातीय जनगणना कराने के तौर-तरीके पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस ने जातीय जनगणना में टीचरों को लगाने का विरोध किया है। बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने साफ कहा है कि टीचरों को जनगणना के काम में लगाकर नीतीश सरकार शिक्षा का नाश करने जा रही है। असित नाथ तिवारी ने टीचरों को लगाया जाना अनुचित बताया है। उन्होंने कहा है कि बिहार के स्कूलों में टीचरों की वैसे ही कमी है। छात्रों को इस वजह से सारे विषय भी नहीं पढ़ाए जा रहे। ऐसे में टीचरों को जातीय जनगणना में लगना बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है।

बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी

असित नाथ ने कहा कि टीचरों का काम तो समाज को जाति के बंधन से मुक्त करने का है। इसकी जगह वे घर-घर जाकर लोगों की जाति पूछ रहे हैं। तिवारी ने मांग की है कि टीचरों को वापस स्कूलों में पढ़ाई के काम में लगाया जाए। उनका कहना है कि टीचरों को जाति के काम में लगाना बच्चों के भविष्य के लिए ठीक नहीं है। बिहार कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि टीचरों को पढ़ाने और खुद जानकारी हासिल करने के लिए वक्त मिलना चाहिए। उसकी जगह उनको सरकार दूसरे काम में उलझा रही है। ऐसा करना कतई उचित नहीं है।

असित नाथ तिवारी ने अफसरों और जनगणना से जुड़े विभाग के कर्मचारियों पर भी सवाल उठाया है। उनका कहना है कि अगर अफसरों ने थोड़ी मेहनत भी की होती, तो पंचायतों के जरिए ही जातिगत जनगणना कराई जा सकती थी। सरकार ने पंचायतों में मानदेय पर भी लोगों को रखा है। इन लोगों से ही जनगणना कराई जा सकती थी। जबकि, अफसरों ने पुरानी व्यवस्था को फिर लागू कर शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने का काम किया है।

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