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टैगोर की कुर्सी पर बैठने के आरोप पर अमित शाह ने संसद में ‘सबूत’ के साथ दिया जवाब

Amit Shah Loksabha

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जब बंगाल यात्रा पर गए थे तो उस दौरान उनपर आरोप लगा कि, शाह शांति निकेतन में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की कुर्सी पर बैठे थे। ऐसे में मंगलवार को संसद में अमित शाह ने इसका जवाब ‘सबूत’ के साथ दिया। बता दें कि गृह मंत्री शाह ने संसद में तस्वीरें दिखाकर कहा कि टैगोर की कुर्सी पर वह नहीं पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और फिर राजीव गांधी बैठ चुके हैं। शाह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि संसद में कुछ बात रखने से पहले तथ्यों को जांचना और परखना चाहिए, तभी कोई बात कहनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि सोशल मीडिया की किसी बात को उठाकर हम सदन में रख दें तो इससे सदन की गरिमा को क्षति पहुंचती है। तंज कसते हुए शाह ने कहा कि, ‘लेकिन मैं इसके लिए इन्हें दोष नहीं देता, उनकी पार्टी का जिस तरह का बैकग्राउंड रहा है, उसकी वजह से इनसे गलती हो गई।’

शाह ने कहा कि, ‘मैं तो नहीं बैठा उस कुर्सी में, मेरे पास दो फोटो हैं, जिनमें जवाहर लाल नेहरू उस कुर्सी पर बैठे हैं, जहां टैगोर बैठा करते थे। दूसरा फोटो है राजीव गांधी का, वह टैगोर साहब के सोफे पर बैठकर आराम से चाय पी रहे हैं।’ अमित शाह ने कहा कि पार्टी के बैकग्राउंड के कारण उनके मन में गलतफहमी हो सकती है लेकिन मेरा अनुरोध है कि रेकॉर्ड को स्पष्ट कर दिया जाए और मैं दादा (अधीर रंजन चौधरी) की अपील पर सदन के पटल पर भी रखना चाहता हूं जिससे हमेशा के लिए यह रेकॉर्ड का हिस्सा बने।

अमित शाह ने आगे कहा कि, जो सदन में नहीं है उसका उल्लेख यहां नहीं होता है। फिर भी मेरी पार्टी के अध्यक्ष के नाम का उन्होंने उल्लेख किया। उस भाषण को मैंने पूरा सुना है, मैं आज चैलेंज देता हूं कि अगर नड्डा साहब ऐसा कुछ बोले हैं तो वह रेकॉर्ड पर रखें। नड्डा जी ने ऐसा कुछ नहीं बोला है, जैसा उन्होंने कल कहा है। शाह ने कहा कि कृपया रिकॉर्ड को सही किया जाए और शांति निकेतन के उपकुलपति का पत्र और फोटोग्राफ को पटल पर रखा जाए।

क्या है मामला

दरअसल पिछले दिनों जब गृह मंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे पर गए थे तो सोशल मीडिया पर ऐसी बातें की गईं कि शांतिनिकेतन दौरे के समय अमित शाह टैगोर की कुर्सी पर बैठ गए थे। इसको लेकर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के नेता शाह पर आरोप लगाने लगे थे। यहां तक कि स्थानीय नेताओं ने तो आलोचना शुरू कर दी थी कि अमित शाह को यह बात दिमाग में रखनी चाहिए कि गुरुदेव की कुर्सी पर बैठकर कोई टैगोर नहीं बन सकता। इसी पर सोमवार को कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी आरोप लगा दिए थे। जिसपर लोकसभा में शाह ने ऐसे आरोपों से साफ इनकार किया।

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