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पीएम मोदी ने किसानों को दी आजादी लेकिन कुछ ताकतें कर रही हैं गुमराह: अनुराग ठाकुर

Anurag Thakur

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में डटे किसानों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा है। ऐसे में सरकार की तरफ से किसानों को प्रतिनिधिमंडल से बातचीत का दौर जारी है। वहीं मोदी सरकार में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने किसानों को लेकर कहा है कि, “कुछ ताकतें किसानों को गुमराह कर रही हैं। हमने तो किसान भाइयों को वो ताकत दी है जिससे आप मंडी में फसल बेच सकते हैं और चाहें तो मंडी के बाहर किसी भी व्यक्ति को फसल बेच सकते हैं। कहीं भी, किसी भी दाम पर फसल बेचने की आज़ादी मोदी जी ने दी है।” बुधवार को अनुराग ठाकुर ने किसानों के अलावा जम्मू-कश्मीर में बने ‘गुपकार गैंग’ पर निशाना साधते हुए कहा कि, “गुपकार गैंग की एक नेता ने तिरंगे का अपमान किया और दूसरी तरफ कहा कि आतंकवादी घटना हो सकती है, बंदूक उठाई जा सकती है। 2 दिन बाद ही बन टोल प्लाजा पर आतंकवादियों को मार गिराया गया, सुरंग पकड़ी गई यह दिखाता है कि कहीं न कहीं तार जुडे़ रहते हैं।”

बता दें कि दिल्ली में चल रहे किसानों के प्रदर्शन को लेकर 30 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में कहा था कि, “अगर किसान को ऐसा कोई खरीददार मिल जाए, जो सीधा खेत से फसल उठाए और बेहतर दाम दे, तो क्या किसान को उसकी उपज बेचने की आजादी मिलनी चाहिए या नहीं?” इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि, “पहले मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी थे। ऐसे में छोटे किसानों के साथ धोखा होता था, विवाद होता था। अब छोटा किसान भी, मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्यवाही कर सकता है। किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं और धोखे से कानूनी संरक्षण भी मिला है।”

वहीं नए कानूनों पर असंमजस को देखते हुए पीएम मोदी ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि, “भारत के कृषि उत्पाद पूरी दुनिया में मशहूर हैं। क्या किसान की इस बड़े मार्केट और ज्यादा दाम तक पहुंच नहीं होनी चाहिए? अगर कोई पुराने सिस्टम से ही लेनदेन ही ठीक समझता है तो, उस पर भी कहां रोक लगाई गई है?”

हर वक्त विरोध करने वालों पर पीएम मोदी ने कहा कि, “पहले होता ये था कि सरकार का कोई फैसला अगर किसी को पसंद नहीं आता था तो उसका विरोध होता था। लेकिन बीते कुछ समय से हम देख रहे हैं कि अब विरोध का आधार फैसला नहीं बल्कि भ्रम फैलाकर आशंकाओं को बनाया जा रहा है। अपप्रचार किया जाता है कि फैसला तो ठीक है लेकिन इससे आगे चलकर ऐसा हो सकता है। जो अभी हुआ ही नहीं, जो कभी होगा ही नहीं, उसको लेकर समाज में भ्रम फैलाया जाता है। ये वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है।”

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