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Indian Railways: भारतीय रेलवे का कारनामा, कभी भी कर देता है ट्रेन रद्द‍!, बदले में यात्रियों को सुविधा के नाम पर सिर्फ ‘सांत्वना’

Indian Railway Piyush goyal

नई दिल्ली। देश कोरोना संकट के दौर से गुजरा तो सबसे पहले अगर आजादी के बाद से किसी चीज ने लोगों को आश्चर्यचकित किया तो वह था रेलवे का थमना। देश की यात्रा की रीढ़ मानी जानेवाली भारतीय रेलवे पहले से ही बदनामी का दंश झेल रही थी। कभी किराये के नाम पर गलत वसूली, ट्रेन में सीट देने के नाम पर पैसे की वसूली, गठरी, मोटरी वालों से पैसे की वसूली लेकिन इस सब के बीच अचानक एक और नया तमगा भारतीय रेलवे के नाम जुड़ गया है। अब रेलवे आपको बिना बताए ट्रेन रद्द कर देगी और आपको यात्रा के तय समय के 4 घंटे पहले इसकी सूचना दी जाएगी। मतलब रेलवे को इससे मतलब बिल्कुल नहीं है कि आपके साथ क्या परेशानी है। आपको तो बस, रेलवे में यात्रा के लिए टिकट खरीदना है, आप बस उसकी देनदारी ही तय करेंगे। बाकी आपकी यात्रा का पूरा कार्यक्रम रेलवे तय करेगा।

कोरोना से उबरते देश में रेलवे की सभी व्यवस्थाएं भले ही पटरी पर नहीं लौटी हों लेकिन रेलवे की सोच तो पटरी पर लौट ही चुकी है। आपदा को अवसर बनाने में रेलवे भी कहां पीछे रहने वाला है। पहले कोविड प्रोटोकॉल के नाम पर आप से ज्यादा किराया वसूला जाएगा फिर आपको बिना सूचना दिए ही आपकी ट्रेन रद्द कर दी जाएगी और अगर आपने फोन कर IRCTC और INDIAN RAILWAY के ग्राहक सेवा से बातचीत कर इसकी जानकारी मांगी, तो टका सा जवाब मिलेगा कि, हां..आपकी ट्रेन रद्द हो गई है। अगर आपने पूछ दिया वजह, कहेंगे हमें पता नहीं….लेकिन रद्द कर दी गई है। आपने पूछा इसकी जानकारी हमें SMS के जरिए क्यों नहीं दी गई…मैं अपनी यात्रा के लिए दूसरी व्यवस्था करता, तो जवाब मिलेगा….कर देंगे…आपकी तय यात्रा तारीख के तय ट्रेन परिचालन के समय से 4 घंटे पहले। पूछ दें पैसे की वापसी का क्या होगा? जवाब मिलेगा जिस दिन की यात्रा तारीख तय है उसके 7 दिन बाद के समय में आएगा। आपको भरोसा नहीं तो आपके सामने कुछ ट्रेन की लिस्ट साझा कर रहा हूं।

आपने पूछा अरे क्यों बाद में पैसा आएगा…जबकि ट्रेन को आपने बिना सूचना के पहले ही रद्द कर दिया। आपने तो सच में भारतीय रेलवे के लिए इस आपदा को अवसर में बदल दिया। भारतीय रेलवे पहले भी अवसरवादी थी, आज भी है। आपदा में लोगों के साथ क्या होगा, इससे उसे कुछ लेना देना नहीं। क्यों भाई…रेल मंत्री पीयूष गोयल अपने मंत्रालय और भारतीय रेल के काम करने के तरीके को लेकर तो बड़े-बड़े दावे कर रहे थे। भाई बता दें, सभी दावे फर्जी थे, बिल्कुल फर्जी…यह रेलवे का वही पुराना चेहरा है…जो हम पहले से देखते आए हैं…कुछ नहीं बदला बस ऊपर से वादे की पॉलिश कर इसे चमकाया गया है।

कोई पूछ नहीं रहा है कि रेलवे आखिर अपनी रेगुलर ट्रेन के साथ पटरी पर वापस कब आएगी?, पूरे 11 महीने होने को आए हैं। कोरोना की वजह से सामान्य ट्रेनों का संचालन जो बन्द किया गया था उसे अब तक शुरू नहीं किया गया है। लेकिन लूट मचाने के लिए कोविड स्पेशल ट्रेनें चला दी गई है। यात्रियों की सुविधा के लिए नहीं बल्कि अपनी मनमानी के लिए। ऊपर से किराया 20 से 30 प्रतिशत बढ़ा कर वसूला जा रहा है। यह रेलवे का आपदा में अवसर ही तो है। भारतीय रेलवे ने पहले 12 अगस्त तक सामान्य ट्रेन सेवा बंद करने का फैसला लिया। फिर उसे कोरोना के बढ़ते मामले की वजह बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया और अब 30 सितंबर के बाद जब कोरोना के मामले लगातार कम होते जा रहे हैं तो भी सामान्य ट्रेन सेवा शुरू नहीं की जा रही। जो स्पेशल ट्रेनें हैं उसमें आपदा में अवसर की तलाश कर चुकी भारतीय रेलवे किराया भी ज्यादा वसूलेगी। ट्रेन भी बिना सूचना के रद्द करेगी। आप तो जनता हैं, मरते और सड़ते रहिए उससे भारतीय रेलवे, रेल मंत्रालय और सरकार को क्या?

ऐसे में आपने ट्रेन का टिकट बुक कराया है तो पीयूष गोयल और भारतीय रेलवे की बात पर भरोसा ना करें…नहीं तो आपको भी परेशानी होगी…आप दूर से आकर ट्रेन पकड़ने की सोच रहे होंगे और आपको स्टेशन पर आकर पता चलेगा कि आपकी गाड़ी तो कैंसिल हो गई है। ऊपर से एहसान भी दिखाया जाएगा आपको तो 4 घंटे पहले सूचना दे दी गई थी। इसके बाद आपकी बात अनसुनी कर दी जाएगी। इसलिए अपना PNR नंबर चेक करते रहिए ताकि आपको अपनी यात्रा की और गाड़ी की सूचना मिलती रहे। क्योंकि भारतीय रेलवे पहले की तरह ही भगवान भरोसे है।

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