वाराणसी। पाकिस्तान और उसके आतंकी संगठनों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में भारत की सेना के तीनों अंगों ने शौर्य दिखाया। नतीजे में पाकिस्तान घुटनों पर आ गया और उसने भारत से सैन्य कार्रवाई रोकने की गुहार लगाई। ऑपरेशन सिंदूर में जिस तरह भारत की सेनाओं ने वीरता दिखाई और पाकिस्तान और उसके आतंकी संगठनों को जमीन सुंघा दी, उसकी चौतरफा तारीफ हो रही है। अब भारत की सेना के इस शौर्य को वाराणसी के साड़ी कारीगरों ने भी अपनी कला में उकेरा है। वाराणसी के कारीगरों ने ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष साड़ी बनाई है। इस साड़ी में सेना के तीनों अंगों के शौर्य की झलक दिखती है।
वाराणसी के कारीगरों ने ऑपरेशन सिंदूर में सेना के शौर्य को दिखाने के लिए अपनी साड़ी में एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम, ब्रह्मोस, वायुसेना के लड़ाकू विमान और विमानवाहक पोत विक्रांत की झलक भी उकेरी है। ये खास साड़ी पूरी तरह भारतीय सेना के तीनों अंगों को समर्पित है। वाराणसी के साड़ी कारोबारी विकास की इच्छा है कि वो इस साड़ी को भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह को भेंट करें। भारत की सेना की इन वीर नारियों ने ही ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआती दिनों में देशवासियों को पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के बारे में जानकारी दी थी।
भारत ने पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को पाकिस्तानी आतंकियों के हाथ 26 पर्यटकों की हत्या के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई 2025 की देर रात जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के मुख्यालय समेत 9 आतंकी ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया गया। इस पर पाकिस्तान की सेना ने भारत पर हमला करने की कोशिश की। पाकिस्तान के 11 एयरबेस और 2 रडार स्टेशनों को भी भारतीय सेना ने मिसाइलें दागकर जबरदस्त नुकसान पहुंचाया। नतीजे में 10 मई की दोपहर पाकिस्तान की सेना के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ राजीव घई को फोन कर सैन्य कार्रवाई रोकने की गुहार लगाई। जिसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को स्थगित किया। भारत ने साफ कहा है कि अगर पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों पर कार्रवाई न की और भारत में फिर कोई हमला हुआ, तो पाकिस्तान को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी।