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Gyanvapi And Shahi Idgah Mosque: वाराणसी की ज्ञानवापी और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के मामले में आज कोर्ट में अहम सुनवाई, जानिए क्या है मामला

वाराणसी/प्रयागराज। आज अलग-अलग अदालतों में दो अहम मामलों पर सुनवाई होने जा रही है। वाराणसी में जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश के कोर्ट में एएसआई की तरफ से ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट सौंपी जानी है। वहीं, प्रयागराज में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन आज सुनवाई के बाद तय करेंगे कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद का कोर्ट कमिश्नर सर्वे किस तरह कराया जाए। पहले बात ज्ञानवापी मस्जिद की कर लेते हैं। वाराणसी के जिला जज के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई ने ज्ञानवापी मस्जिद का अत्याधुनिक यंत्रों से सर्वे किया था। इस सर्वे के तहत ये जानने की कोशिश की गई कि जहां पर ज्ञानवापी मस्जिद है, वहां पहले कोई मंदिर था या नहीं। हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी की जगह पर ही आदि विश्वेश्वर यानी भगवान शिव का प्राचीन मंदिर था। जिसे तत्कालीन मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर ढहाकर ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई गई थी।

वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते दिनों मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर के बगल में खड़ी शाही ईदगाह मस्जिद के कोर्ट कमिश्नर सर्वे को मंजूरी दी थी। जस्टिस मयंक कुमार जैन के कोर्ट में आज कोर्ट कमिश्नर तय करने और सर्वे के अन्य नियमों पर सुनवाई के बाद फैसला होने की उम्मीद है। आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ये तय करेगा कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वे कराने के लिए किन वकीलों को बतौर कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया जाए और उनसे कितने दिन में रिपोर्ट मांगी जाए। इसके साथ ही कोर्ट मुस्लिम पक्ष की तरफ से मुकदमे की पोषणीयता पर भी फैसला कर सकता है। हिंदू पक्ष का कहना है कि मथुरा में भगवान केशवदेव का मंदिर था। जिसे बादशाह औरंगजेब के आदेश पर ढहा दिया गया और वहां शाही ईदगाह मस्जिद बनाई गई।

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वे के खिलाफ दोनों से संबंधित मुस्लिम पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से सर्वे पर रोक लगाने की अपील की थी, लेकिन ज्ञानवापी और शाही ईदगाह मस्जिद के मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी रोक लगाने से इनकार कर दिया। ऐसे में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है।

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