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अयोध्याः 28 साल बाद राम जन्मभूमि परिसर में हुआ शिवलिंग का रुद्राभिषेक

नई दिल्ली। श्री राम जन्मभूमि परिसर के समतलीकरण के बाद यहां पर राम मंदिर का निर्माण शुरू हो इससे पहले बुधवार को श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने भगवान शशांक शेखर का अभिषेक किया।

भगवान शशांक शेखर राम जन्मभूमि परिसर में ही कुबेर टीला पर विराजे भगवान भोलेनाथ का शास्त्रों में वर्णित नाम है।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से पहले बुधवार को भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया गया। राम जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीले पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास की ओर से रुद्राभिषेक किया गया। मान्यता है कि राम मंदिर निर्माण में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए शिव की आराधना की गई है।

रुद्राभिषेक के समय महंत कमलनयन दास के साथ संत सभा अध्यक्ष कन्हैया दास, आचार्य आनंद शास्त्री भी मौजूद रहे। पिछले 28 साल से रामजन्म भूमि के अधिग्रहण होने के बाद से ही यहां कुबेरेश्वर महादेव की पूजा नहीं हुई थी।

महंत कमलनयन दास ने बताया कि राष्ट्रीय विघ्न बाधा, महामारी कोरोना संक्रमण दूर हो, भगवान श्री राम का भव्य मंदिर निर्माण हो, इस कामना के साथ रुद्राभिषेक किया गया। आचार्यों ने विधिविधान से रुद्राभिषेक करवाया। पिछले 28 साल से रामजन्म भूमि के अधिग्रहण होने के बाद से ही यहां कुबेरेश्वर महादेव की पूजा नहीं हुई थी।

श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सूत्रों के मुताबिक 2 जुलाई यानी देव शयनी एकादशी के दिन राम मंदिर शिलान्यास कराने की बात की जा रही है। बता दें 2 जुलाई के दिन हिन्दू पंचांग के हिसाब से देव शयनी एकादशी है, यानी इसके बाद देव शयन में चले जाते हैं और 4 महीने बाद यानि कि कार्तिक महीने में देव उत्थान एकादशी को देव जागते हैं। इन चार महीनों में हिंदुओं में कोई नया या शुभ कार्य नहीं किया जाता है।

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