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Babri Masjid demolition case: फैसले आने पर लालकृष्ण आडवाणी और जोशी ने जताई खुशी, कही ये बात

Murli Manohar Joshi and LK Advani

नई दिल्ली। अयोध्या (Ayodhya) में छह दिसंबर 1992 को गिराए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया। अदालत ने इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani), मुरली मनोहर जोशी (Murali Manohar Joshi), पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Kalyan Singh), उमा भारती (Uma Bharti), विनय कटियार (Vinay Katiyar) समेत सभी 32 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। इस बीच पूर्व उपप्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अदालत के इस फैसले पर खुशी जाहिर की है। लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, ‘ढांचा विध्वंस मामले में विशेष अदालत के फैसले का मैं तहे दिल से स्वागत करता हूं। यह निर्णय राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रति मेरे व्यक्तिगत और भाजपा के विश्वास और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’

उन्होंने कहा, ‘मुझे यह भी अच्छा लगता है कि यह निर्णय नवंबर 2019 में दिए गए सर्वोच्च न्यायालय के एक और ऐतिहासिक फैसले के नक्शेकदम पर आया है, जिसने अयोध्या में एक भव्य श्री राम मंदिर को देखने के मेरे लंबे समय के सपने को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त किया है, जिसकी नींव रखने का कार्यक्रम 5 अगस्त, 2020 को आयोजित किया गया था।’

उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं, नेताओं, संतों और उन सभी का आभारी हूं, जिन्होंने अपनी निस्वार्थ भागीदारी और बलिदान के माध्यम से मुझे अयोध्या आंदोलन के दौरान ताकत और समर्थन दिया।’

उन्होंने कहा, मैं श्री महिपाल अहलूवालिया की अध्यक्षता वाली अपनी कानूनी टीम के योगदान को बहुत महत्व देता हूं। इन सभी वर्षों के दौरान, महिपाल जी, उनके बेटे अनुराग अहलूवालिया और उनकी टीम ने इस मामले के हर पहलू पर पूरी निष्ठा से ध्यान दिया। आडवाणी ने कहा, ‘मेरे लाखों देशवासियों के साथ, मैं अब अयोध्या में सुंदर श्री राम मंदिर के पूरा होने की आशा करता हूं। श्री राम हमें हमेशा आशीर्वाद देते रहें। जय श्री राम।’

वहीं फैसले के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए  कहा कि राम मंदिर आंदोलन एक ऐतिहासिक पल था। जोशी ने कहा कि अदालत ने आज एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाया, मैं तमाम अधिवक्ताओं को जिन्होंने शुरुआत के दिन से ही हर स्तर पर इस मामले में सही तथ्यों को न्यायलय के सामने रखा। ये उनकी परिश्रम से और लोगों की गवाही से ये फैसला सामने आया है।

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