हैदराबाद। तेलंगाना विधानसभा के चुनाव के लिए भी वोटिंग की तारीख तय हो चुकी है। तेलंगाना में विधानसभा की 119 सीटें हैं। इनके लिए 30 नवंबर को वोटिंग होगी। जबकि, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम के साथ वोटों की गिनती यहां भी 3 दिसंबर को कराई जाएगी। इस बार तेलंगाना में सत्तारूढ़ के. चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति यानी बीआरएस, बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी यहां बीआरएस से समझौता कर 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसके अलावा जनसेना पार्टी के उम्मीदवार भी मैदान में हैं। तेलंगाना में 2018 यानी बीती बार हुए विधानसभा चुनाव की बात करें, तो चंद्रशेखर राव की पार्टी ने 88 सीटें हासिल की थीं। कांग्रेस को 21 सीटों और बीजेपी को 1 सीट पर जीत हासिल हुई थी। तेलंगाना में इस बार कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही बीआरएस को सत्ता से हटाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं। वहीं, बीआरएस की तरफ से एक बार फिर सरकार बनने का दावा किया जा रहा है।
तेलंगाना का गठन 2 जून 2014 को हुआ था। इसके बाद वहां उसी साल विधानसभा चुनाव हुए थे। तब चंद्रशेखर राव की पार्टी का नाम तेलंगाना राष्ट्र समिति यानी टीआरएस था। टीआरएस ने 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में 63 सीटों पर जीत हासिल की थी। टीडीपी ने यहां तब 15 सीटें जीती थीं। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को 7 सीटों पर जीत मिली थी। तब बीजेपी ने 5 सीटें हासिल की थीं। वाईएसआर कांग्रेस ने तेलंगाना में 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में 3 और बीएसपी ने 2 सीटें जीती थीं। पहले चुनाव में तेलंगाना में सीपीएम, सीपीआई और निर्दलीय को 1-1 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। इस बार कांग्रेस और बीजेपी ने बीआरएस सरकार पर जमकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा रखा है। कांग्रेस के राहुल गांधी और पीएम नरेंद्र मोदी की कई जनसभाएं बीते दिनों तेलंगाना में हो चुकी हैं। राहुल गांधी और मोदी ने चंद्रशेखर राव पर अपने परिवार का हित करने के आरोप लगाए हैं।
चंद्रशेखर राव के लिए इस बार दोनों ही पार्टी की तरफ से कड़ी चुनौती के अलावा दिल्ली के शराब घोटाले की भी आंच आ रही है। चंद्रशेखर राव की बेटी और राज्य की एमएलसी के. कविता पर दिल्ली के शराब घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा है। कविता से इस मामले में ईडी ने कई बार पूछताछ भी की है। वहीं, बीआरएस के कई नेताओं पर ईडी और सीबीआई के छापे भी पड़ चुके हैं। ऐसे में तेलंगाना की सियासी जंग काफी दिलचस्प है। पीएम मोदी ने यहां जनता से वादा किया है कि बीजेपी चुनाव जीती, तो राज्य को पहला ओबीसी सीएम मिलेगा। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में मुफ्त में गाय देने के अलावा कई और घोषणाएं की हैं। कांग्रेस ने भी चुनाव जीतने पर कई मुफ्त की योजनाएं शुरू करने का वादा किया है।