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सीमा विवाद को लेकर सरकार पर निशाना साधने वाली कांग्रेस को मायावती की नसीहत, ट्वीट में लिखी ये बात

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर राजनीतिक दल केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। एक तरफ जहां कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत कुछ विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रही है। वहीं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती सीमा विवाद को लेकर मोदी सरकार के समर्थन में दिख रही है। इशारों-इशारों में कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए मायावती ने केंद्र सरकार का पक्ष लिया है। बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में हुई भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद पूरे देश के लोगों में गुस्सा है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार को सलाह दी है। वहीं विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार का बसपा प्रमुख मायावती ने बचाव किया है। मायावती ने सोमवार को ट्वीट कर लिखा, अभी हाल ही में 15 जून को लद्दाख में चीनी सेना के साथ हुए संघर्ष में कर्नल सहित 20 सैनिकों की मौत से पूरा देश काफी दुःखी, चिन्तित व आक्रोशित है। इसके निदान हेतु सरकार व विपक्ष दोनों को पूरी परिपक्वता व एकजुटता के साथ काम करना है जो देश-दुनिया को दिखे व प्रभावी सिद्ध हो।

एक अन्य ट्वीट में मायावती ने लिखा, ऐसे कठिन व चुनौती भरे समय में भारत सरकार की अगली कार्रवाई के सम्बंध में लोगों व विशषज्ञों की राय अलग-अलग हो सकती है, लेकिन मूल रूप से यह सरकार पर छोड़ देना बेहतर है कि वह देशहित व सीमा की रक्षा हर हाल में करे, जो कि हर सरकार का दायित्व भी है।

इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार से चीन को जवाब देने की अपील की है। लद्दाख सीमा विवाद में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है और संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देना चाहिए।

पूर्व पीएम ने कहा, ’15-16 जून को गलवान वैली में भारत के 20 साहसी जवानों ने सर्वोच्च कुर्बानी दी। देश के इन सपूतों ने अंतिम सांस तक देश की रक्षा की।इस सर्वोच्च त्याग के लिए हम इन साहसी सैनिकों व उनके परिवारों के कृतज्ञ हैं, लेकिन उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।’

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