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PIB Fact Check : सीएए को मुस्लिम विरोधी बताकर झूठ फैला रहा अलजजीरा

PIB Fact Check : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह साफ कह चुके हैं कि नागरिकता संशोधन कानून से किसी की भी नागरिकता नहीं जाएगी। चाहे वो किसी भी धर्म का हो। इसके बावजूद कुछ लोग सीएए को लेकर लगातार भ्रामक खबरें प्रचारित कर रहे हैं।

नई दिल्ली। सीएए नागरिकता लेने नहीं बल्कि नागरिकता देने का कानून है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ये बात साफ कर चुके हैं कि नागरिकता संशोधन कानून से किसी की भी नागरिकता नहीं जाएगी, चाहे वो किसी भी धर्म का हो। इसके बावजूद कुछ लोगों के द्वारा सीएए को लेकर लगातार भ्रम फैलाया जा रहा है। मुस्लिम देश कतर के प्रमुख चैनल अलजजीरा ने भी सीएए को मुस्लिम विरोधी बताते हुए अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। पीआईबी फैक्ट चेक में भी ये बात सही साबित हुई है कि अलजजीरा सीएए को लेकर भ्रामक जानकारी फैला रहा है।

आपको बता दें कि सीएए को लेकर कुछ लोगों ने कहा कि यह नागरिकता छीनने का कानून है। इस कानून के जरिए तीन देशों के आए गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिलेगी लेकिन भ्रम ये फैलाया गया कि भारत से कुछ विशेष वर्ग जैसे कि शरणार्थी मुस्लिमों को निकाल दिया जाएगा। इस पर सरकार का तर्क है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान इस्लामिक देश हैं और यहां पर गैर-मुस्लिम को धर्म के आधार पर सताया जाता है, प्रताड़ित किया जाता है, इसी कारण गैर-मुस्लिम यहां से भागकर भारत आए हैं, इसलिए गैर-मुस्लिमों को ही सीएए में शामिल किया गया है। मुस्लिम शरणार्थियों को पूर्व के कानून के तहत ही नागरिकता प्रदान की जाएगी। गौरतलब है कि सीएए को लेकर काफी समय से चल रही आपाधापी पर सोमवार को उस समय विराम लग गया जब केंद्र सरकार की ओर सीएए लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी गई। इसके तहत तीन देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले आए गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी।

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