News Room Post

Caste Census: जातिगत जनगणना पर कांग्रेस में ही छिड़ी रार, इस बड़े नेता ने विरोध करते हुए बताया इंदिरा-राजीव गांधी का अपमान?

नई दिल्ली। इन दिनों कांग्रेस पार्टी के भीतर ही लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अलग-अलग तरह के मतभेद दिख रहे हैं, इन्हीं मतभेदों के चलते हिमाचल प्रदेश में रार छिड़ी हुई है, लगातार कांग्रेस के नेता पार्टी को छोड़ रहे हैं और देशभर से विपक्षी खेमे में हलचल की खबरें सामने आ रही हैं। अनेक मुद्दों को लेकर कांग्रेस में अंदरूनी बगावत देखने को मिल रही है। ऐसा ही एक मुद्दा है जातिगत जनगणना का। कांग्रेस पार्टी ने आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में जाति जनगणना का मुद्दा उठाया है। राहुल गांधी कह रहे हैं कि देश में जनसंख्या अनुपात के हिसाब से प्रतिनिधित्व होना चाहिए। अब आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी दो धड़ों में बंट सकती है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर जाति आधारित जनगणना का विरोध किया है।

आनंद शर्मा ने अपने पत्र में कहा, ”मेरी राय में, जाति जनगणना रामबाण नहीं हो सकती है, न ही यह बेरोजगारी और प्रचलित असमानताओं का समाधान कर सकती है।” उन्होंने कहा, “मेरी विनम्र राय में, इसे श्रीमती इंदिरा और श्री राजीव की विरासत का अनादर मानना गलत होगा।” 1980 में इंदिरा गांधी द्वारा दिए गए नारे, “न जात पर, न पात पर, मोहर लगेगी हाथ पर” का जिक्र करते हुए आनंद शर्मा ने कांग्रेस के ऐतिहासिक पहलू का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने 1990 में जातिवाद को चुनावी मुद्दा बनाने का विरोध किया था।


उन्होंने आगे कहा कि कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं का इस ऐतिहासिक पहलू से भटक जाना चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि इस पर विचार करने की जरूरत है। आनंद शर्मा ने आगे कहा, ‘मेरी विनम्र राय में, इससे इंदिरा और राजीव गांधी की विरासत का अपमान होगा।’

Exit mobile version