News Room Post

West Bengal: पार्थ चटर्जी के बाद ममता का एक और करीबी नेता भी मुश्किल में, पशु तस्करी में CBI के हत्थे चढ़ने के आसार

anxious mamata banerjee

आसनसोल। बड़ी तादाद में रकम बरामद होने के बाद टीएमसी नेता और ममता की सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी ईडी की गिरफ्त में आए थे। अब पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस TMC का एक और बड़ा नेता पशु तस्करी के मामले में फंसता दिख रहा है। टीएमसी के इस नेता का नाम अनुब्रत मंडल है। वह बीरभूम जिले मे टीएमसी के प्रभारी हैं और पार्थ चटर्जी की तरह ममता के करीबी भी माने जाते हैं। सीबीआई ने सोमवार को आसनसोल में कोर्ट में पशु तस्करी के मामले में चौथी चार्जशीट दाखिल की है। इसमें अनुब्रत के बॉडीगार्ड सैगल हुसैन समेत 11 लोगों को आरोपी बताया गया है। 40 पेज की चार्जशीट में बताया गया है कि सैगल ने पशु तस्करों से रकम लेकर अनुब्रत तक पहुंचाने का काम किया।

सीबीआई के मुताबिक पशु तस्करी से रकम हासिल होने के बारे में उसे तमाम दस्तावेजी सबूत मिले हैं। जांच एजेंसी का कहना है कि इस रकम से खरीदी गई 49 संपत्तियों के दस्तावेज भी उसे मिले हैं। सीबीआई ने चार्जशीट में कहा है कि अनुब्रत मंडल के बॉडीगार्ड सैगल के मोबाइल कॉल डिटेल से पता चला कि वो पशु तस्करों से संपर्क में था। इस चार्जशीट में सीबीआई ने टीएमसी के फरार नेता बिनय मिश्रा के भाई विकास का नाम भी लिया है। ऐसे में आने वाले दिनों में अनुब्रत मंडल के लिए मुश्किल बढ़ सकती है। अनुब्रत को भी पार्थ चटर्जी की तरह ममता बनर्जी का काफी करीबी माना जाता है।

बता दें कि सीबीआई ने पशु तस्करी के मामले में हाल ही में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में कई जगह छापे मारे थे। सीबीआई के ये छापे इलमबाजार और नानूर इलाके में हुए थे। मोहम्मद नजीबुद्दीन उर्फ तुलु मंडल, अब्दुल करीम खान और जिया-उल हक शेख उर्फ मुक्तो समेत टीएमसी के स्थानीय नेताओं के घरों पर सीबीआई की रेड हुई थी। छापे में पशु तस्करी समेत अन्य कई मामलों के सबूत जांच एजेंसी के हाथ लगे थे।

Exit mobile version