नई दिल्ली। बीते 20 जून को चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के विदेश मंत्रालयों के अफसरों की बैठक हुई थी। इसके बाद अब भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश की लगातार बढ़ती करीबी को भारत के लिए बड़ा खतरा बताया है। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने दिल्ली में एक थिंक टैंक को संबोधित किया। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच 7 से 10 मई तक हुए सैन्य संघर्ष का भी हवाला दिया। जनरल अनिल चौहान ने कहा कि परमाणु हथियार हासिल करने के बाद दो देश सीधे आपसी संघर्ष में पहली बार शामिल हुए।
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश की बढ़ती करीबी के बारे में कहा कि अपने हितों के मसले पर इन तीनों देशों का एक-दूसरे की तरफ झुकाव भारत की सुरक्षा और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। सीडीएस ने कहा कि पाकिस्तान ने पिछले पांच साल में चीन से ही 70 से 80 फीसदी हथियार लिए हैं। यहां तक कि चीन की सैन्य कंपनियों की पाकिस्तान में वाणिज्यिक देनदारियां हैं। सीडीएस ने कहा कि हिंद महासागर के देशों में आर्थिक संकट है। इससे बाहरी ताकतों को प्रभाव बढ़ाने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हितों में संभावित समानता है। जिसका भारत पर असर पड़ सकता है।
इससे पहले बीते दिनों भारतीय सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने कहा था कि मई में सैन्य संघर्ष के दौरान भारत को पाकिस्तान के साथ ही चीन और तुर्की से भी परोक्ष तौर पर लड़ना पड़ा। लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने कहा था कि भारत से सैन्य संघर्ष के दौरान चीन ने पाकिस्तान को लाइव जानकारी दी कि भारत के लड़ाकू विमान या अन्य हथियार कहां हैं और किस तरह उस पर हमला हो सकता है। वहीं, तुर्की से भी पाकिस्तान ने जो हमलावर ड्रोन हासिल किए थे, उनको भी भारत पर हमला करने में इस्तेमाल किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने कहा था कि अगली बार अगर युद्ध होता है, तो उसमें जीत के लिए अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा।