नई दिल्ली/बेंगलुरु। गुजरात, हिमाचल प्रदेश और एमसीडी चुनाव निपटने के बाद अब बीजेपी आलाकमान की नजर कर्नाटक पर गड़ गई है। यहां बीजेपी की सत्ता है और पिछले काफी समय से वहां की सरकार को हटाने के लिए तरह-तरह के मुद्दे उछाले जा रहे हैं। हिजाब विवाद से लेकर कट्टरपंथ तक को मुद्दा बनाया जा रहा है। कर्नाटक में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होंगे। ऐसे में बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व अब वहां अपना गढ़ बचाए रखने पर ध्यान दे रहा है। इस वजह से कर्नाटक में काफी कुछ बदलाव भी अगले कुछ वक्त में दिख सकता है।
कर्नाटक के अलावा अगले साल मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय में भी चुनाव होने हैं। इनमें से मध्यप्रदेश, नगालैंड और त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार है। जबकि, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस, तेलंगाना में टीआरएस और मेघालय में कोनराड संगमा की सरकार हैं। बहरहाल, अगर बात कर्नाटक की करें, तो यहां की कमान में भी बीजेपी बदलाव कर सकती है। कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष नलिन कुमार कतिल ने दिल्ली में बीजेपी के पदाधिकारियों की दो दिन की बैठक में हिस्सा लेने के बाद इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को कर्नाटक के हालात और बीजेपी के लिए चुनौतियों की जानकारी भी दी है।
अंदरखाने की खबर ये है कि बीजेपी नेतृत्व वहां अध्यक्ष बदल सकता है। अध्यक्ष पद के लिए सीटी रवि या शोभा करांदलजे में से एक को चुना जा सकता है, लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि सीटी रवि अभी कर्नाटक बीजेपी का अध्यक्ष नहीं बनना चाहते। ऐसे में तेज-तर्रार शोभा करांदलजे को पार्टी ये जिम्मा दे सकती है। चर्चा है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर को भी बेंगलुरु ग्रामीण सीट के अलावा अन्य कुछ सीटों का जिम्मा दिया जा सकता है। इसके अलावा वहां पिछले कुछ दिनों में हिजाब विवाद और आतंकी हमलों की कोशिश को भी बीजेपी अभी से मुद्दा बना रही है। सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक में जेडीएस पर भी निशाना साधने से शीर्ष नेतृत्व ने परहेज करने को कहा है। कुल मिलाकर अब कर्नाटक की जंग की तैयारी है। खबर ये भी है कि समाज के 5 अलग-अलग वर्गों से संबंधित अलग-अलग जनसभाएं भी बीजेपी करने की तैयारी में है। इन जनसभाओं में से कुछ में पीएम मोदी भी सीधे शामिल होंगे।