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ट्रैक्टर परेड में किसानों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पर सरकार ने संसद में दिया ये जवाब

नई दिल्ली। 26 जनवरी को किसानों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान जब कुछ उपद्रवी दिल्ली में घुस आए तो दिल्ली पुलिस ने उनपर आंसू गैंस के गोले छोड़े और कहीं-कहीं लाठीचार्ज भी पुलिस द्वारा की गई। बता दें कि उस दौरान भारी संख्या में उपद्रवी दिल्ली में घुसकर हिंसा को अंजाम दे रहे थे। वहीं लाल किले पर चढ़कर वहां एक विशेष झंड़ा भी लगाया गया। इसको लेकर देशभर में रोष देखने को मिला। इसके अलावा दिल्ली में घुसने वाले प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस द्वारा किए गए बल प्रयोग करने का मामला जब मंगलवार को संसद में गूंजा तो इसपर केंद्र सरकार ने अपनी तरफ से जवाब दिया कि पुलिस के पास इसके सिवा कोई और चारा नहीं था। बता दें कि लोकसभा में मंगलवार को केंद्र सरकार ने कहा कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान भीड़ जिस तरह से अनियंत्रित हुई उसे देखते हुए पुलिस के पास कोई और रास्ता नहीं था, इसलिए उसे आंसू गैस, वॉटर कैनन और हल्के बल का इस्तेमाल करना पड़ा।

इसलिए किया बल प्रयोग

केंद्र सरकार ने संसद में कहा कि, पुलिस के सामने ऐसी स्थिति बन गई थी कि बल प्रयोग के अलावा कोई भी विकल्प नहीं बचा था। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई कि दिल्ली पुलिस ने सितंबर से दिसंबर 2020 के बीच केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कुल 39 मामले दर्ज किए हैं।

बल प्रयोग पर बोले गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी

वहीं गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक प्रश्न के जवाब में सदन में लिखित उत्तर में कहा, ”किसानों के खिलाफ आंसू गैस के इस्तेमाल और लाठीचार्ज का सहारा लेने के संबंध में, दिल्ली पुलिस ने यह बताया है कि ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में किसानों के बड़े काफिले ने दिल्ली की सीमा पर जोर-जबरदस्ती करते हुए पुलिस बैरिकेड्स को पार कर दिल्ली में प्रवेश करने का प्रयास किया। ये किसान नए कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।”

रेड्डी ने अपने जवाब में कहा

रेड्डी ने अपने जवाब में कहा कि, आक्रामक तरीके से प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में दंगा करने की कोशिश की। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और सरकारी कर्मचारियों द्वारा उनका काम करने में बाधा पहुंचाई। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे थे और कोविड-19 महामारी के बीच बिना मास्क के बड़ी संख्या में इकट्ठे हुए। इस वजह से दिल्ली पुलिस के पास कोई और विकल्प नहीं बचा था, सिवाय आंसू गैस, वॉटर कैनन और हल्का बल प्रयोग करने के।

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