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छत्तीसगढ़ः दो महीने पहले हुई दुष्कर्म की घटना पर नहीं लिखा मामला, पिता ने भी खुदकुशी की कोशिश तो जागा प्रशासन

नई दिल्ली। देश में जहां एक तरफ हाथरस में कथित गैंगरेप की घटना के बाद सियासी उबाल जारी है। वहीं कांग्रेस की तरफ से इस पूरे मामले को राजनीतिक रंग देने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई है। लेकिन इस सब के बीच राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे प्रदेश जहां कांग्रेस की सरकार है वहां पार्टी ने गांगरेप जैसी घटनाओं पर चुप्पी साध रखी है। छत्तीसगढ़ में तो सरकार में वरिष्ठ मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने बलरामपुर में हुए रेप को को अभी हाल में ही छोटी घटना बताया दिया था। अब एक बार फिर से छत्तीसगढ़ में एक ऐसी दुष्कर्म की घटना सामने आ रही है जिसे सुनकर किसी का भी कलेजा फट पड़ेगा। लेकिन इस वारदात के बाद छत्तीसगढ़ में जो हुआ है वह तो और भी परेशान करनेवाली है। जिसकी वजह से वहां का प्रशासन सवालों के घेरे में है। घटना के बारे में जो जानाकारी मिली है उसकी मानें तो यहां पर एक नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ गैंगरेप हुआ था, पीड़िता ने दो महीनों पहले खुदकुशी कर ली थी। लेकिन पुलिस ने दो महीनों तक इस मामले में केस तक दर्ज नहीं किया था। इसके बाद पुलिस ने इस पूरे मामले पर केस तब दर्ज किया जब पीड़िता के पिता ने भी खुदकुशी करने की कोशिश की।

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में एक शादी के दौरान एक नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ कथित तौर पर 7 लोगों ने बलात्कार किया था। इस पूरे मामले में प्रशासन पूरी तरह से सोई रही। वहीं दो महीने पहले उस आदिवासी लड़की ने खुदकुशी कर ली लेकिन तब भी पुलिस की नींद नहीं खुली ना ही मामला दर्ज किया गया। 4 अक्टूबर को पीड़िता के पिता ने भी घटना पर प्रशासन की तरफ से किसी तरह की सुनवाई ना होता देख जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की तब जाकर मामला दर्ज हुआ। पिता ने खुदकुशी करने की कथित तौर पर इसलिए कोशिश की, क्योंकि वो अभी तक एक एफआईआर तक दर्ज कराने में कामयाब नहीं हो पाए थे।

वहीं नाबालिग आदिवासी लड़की के खुदकुशी कर लेने के बाद परिवार ने पीड़िता को दफना दिया था, बुधवार को पुलिस ने उसका शव ऑटोप्सी के लिए बाहर निकाला है। पुलिस का कहना है कि परिवार के अनुसार, रेप की घटना जुलाई में हुई थी। पुलिस ने दावा किया है कि उन्हें उस वक्त इसकी जानकारी नहीं दी गई थी।

बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी की मानें तो इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। तीन आरोपी अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं। घटना की जांच के लिए कोंडागांव एसआईटी टीम का गठन किया गया है। लेकिन इस पूरे मामले पर यह सवाल जरूर उठता है कि जिस पार्टी की सरकार प्रदेश में है वह पार्टी हाथरस में हुई घटना को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रही है लेकिन छत्तीसगढ़ में हुई इस हृदयविदारक घटना पर वह पूरी तरह से मौन हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार में वरिष्ठ मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने बलरामपुर में हुए रेप को छोटी घटना बताया था

उत्तर प्रदेश में हाथरस की घटना को लेकर कांग्रेस भले ही आक्रामक रवैया अपना रही है लेकिन जिन राज्यों में खुद कांग्रेस की सरकार है, वहां से आ रही रेप की खबरों पर चुप्पी साधे हैं। चुप्पी के अलावा ऐसी खबरों पर कांग्रेस के नेताओं की तरफ से गैर-जिम्मेदाराना बयान भी सामने आ रहे हैं। ऐसे बयानों से पता चलता है कि रेप जैसी घटनाओं पर कांग्रेस सच में इंसाफ नहीं चाहती बल्कि उसे अपनी राजनीति ही चमकानी है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल (Bhupaesh Baghel) के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार (Congerss Government) में वरिष्ठ मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया (Dr. Shiv Kumar Dahria) का रेप पीड़िता को लेकर बेहद आपत्तिजनक बयान दिया है। मंत्री ड​हरिया ने छत्तीसगढ़ में एक नाबालिग से रेप के मामले को लेकर राजधानी रायपुर में कहा कि बलरामपुर में रेप की घटना छोटी है। डॉ. डहरिया ने कहा कि बलरामपुर में किशोरी से दुष्कर्म को छोटी घटना कहा। मंत्री डहरिया ने कहा- छोटी मोटी घटना हुई है, स्थानीय प्रशासन जांच करेगी।

क्या है मामला

बीते शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में एक किशोरी को नशीली दवा खिला कर रेप किया गया था। यूपी के हाथरस व बलरामपुर में युवती की दुष्कर्म के बाद मौत के बाद देशभर में चर्चाओं का दौर है। इसी बीच छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में भी रेप की घटना हुई है। इसको लेकर जब मंत्री डहरिया के सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ के बलरामपुर की घटना यूपी के हाथरस वाली घटना से छोटी है।

मंत्री डहरिया के इस बयान के बाद अब विपक्षी दल कांग्रेस की जमकर आलोचना कर रहे हैं। मंत्री शिव कुमार डहरिया के बयान के खिलाफ बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कांग्रेस सरकार के मंत्री का ये बयान शर्मनाक है। ये बयान अशोभनीय है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि रेप की घटना कैसे छोटी या बड़ी हो सकती है। यह बयान मंत्री के मानसिकता को बताता है, जिम्मेदार मंत्री का यह बयान प्रदेश को कहां ले जाना चाहता है।

फजीहत के बाद सफाई

जब मंत्री डहरिया के बयान को लेकर चारों तरफ फजीहत होने लगी तो इस डैमेज को कंट्रोल करने के लिए डहरिया ने कहा- मेरे कहने के तात्पर्य को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा। दुष्कर्म कहीं भी हो अमानवीय है। घटना कहीं भी हो दु:खद और मानवता के खिलाफ है।

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