News Room Post

Congress: महाराष्ट्र में राजनीतिक तूफान के बीच दो कांग्रेसी नेताओं में भिडंत; आचार्य और जयराम की ट्वीटर जंग; जनता ने भी किया कटाक्ष

Congress: दरअसल, महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक घमासान के बीच कांग्रेस प्रवक्ता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सीएम उद्धव को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है, जिसमें उन्होंने विस्तारपूर्वक कहा था कि,  ''सत्ता को 'ठोकर' पे मारने वाले स्व.बाला साहब ठाकरे की विरासत का सम्मान करते हुए उद्धव ठाकरे को मराठा गौरव की रक्षा करने हेतु नैतिक मूल्यों का करते हुए मुख्यमंत्री के पद को त्यागने में एक पल का विलम्ब भी नहीं करना चाहिये।

congress

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक घमासान के बीच कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता ट्विटर पर आपस में ही भिड़ गए। दोनों के बीच छिड़ी जुबानी जंग के बीच सोशल मीडिया पर अभी तरह-तरह के रिएक्शन देखने को मिल रहे हैं। बता दें कि महाराष्ट्र में उद्धव सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। अब उनकी सरकार आखिरी सांसें गिनने में मसरूफ हो चुकी है। ध्यान रहे कि महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में कांग्रेस भी गठबंधन की नौका पर सवार है। हालांकि, मौजूदा सियासी घमासान को लेकर कांग्रेस ने अपना रूख स्पष्ट कर दिया है कि यह शिवसेना का आंतरिक मसला है। उधर, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को महाराष्ट्र का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। वहीं, कांग्रेस के तमाम नेता उद्धव के संपर्क में हैं और पूरी कोशिश कि जा रही है कि महाराष्ट्र में उद्धव की सरकार बचाई जा सकें। उधर, जिस तरह से ट्विटर पर कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता आपस में भिड़ गए हैं, उसके बारे में हम आपको इस रिपोर्ट में विस्तार से बताते हैं।

जानें पूरा माजरा

दरअसल, महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक घमासान के बीच कांग्रेस प्रवक्ता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सीएम उद्धव को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है, जिसमें उन्होंने विस्तारपूर्वक कहा था कि,  ”सत्ता को ‘ठोकर’ पे मारने वाले स्व.बाला साहब ठाकरे की विरासत का सम्मान करते हुए उद्धव ठाकरे को मराठा गौरव की रक्षा करने हेतु नैतिक मूल्यों का करते हुए मुख्यमंत्री के पद को त्यागने में एक पल का विलम्ब भी नहीं करना चाहिये। जिस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कह कहा कि, ना ही यह कांग्रेस पार्टी के विचार हैं और ना ही ये कांग्रेस पार्टी के अधिकृत प्रवक्ता हैं। अब इसी पर आचार्य का रिएक्शन सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘अधिकृत तो “टेम्प्रेरी” होता है प्रभु, मैं तो “परमानेंट” हूँ, फिर भी आपको कोई दिक़्क़त है तो “जयराम” जी की। तो इस तरह से आप देख सकते हैं कि कैसे कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता आपस में ही भिड़ गए , जिसे लेकर अभी सोशल मीडिया पर विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

यहां देखिए लोगों की प्रतिक्रिया 


महाराष्ट्र का राजनीतिक घमासान

वहीं, अगर महाराष्ट्र के राजनीतिक घमासान की बात करें, तो उद्धव सरकार अब आखिरी सांसें गिनने में मसरूफ हो चुकी है। एकनाथ शिंदे  ने होटल से 45 से अधिक समर्थित विधायकों की तस्वीरें भी साझा की है, जिससे उन्होंने साफ कर दिया है कि वे उद्धव के चारों खाने चित्त करने के लिए तैयार हैं। उधर, कल उन्होंने फेसबुक लाइव में साफ कर दिया था कि वे इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। अगर किसी को मुझसे कोई समस्या है, तो मेरे पास आते, मैं उसका निदान करता। अगर किसी को मेरे मुख्यमंत्री रहने से कोई समस्या है, तो मैं इस्तीफा देने के लिए भी तैयार हूं। बहरहाल, अब आगे चलकर महाराष्ट्र का राजनीतिक घमासान क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

Exit mobile version