चंडीगढ़। पंजाब में सीएम भगवंत मान ने कुछ ऐसे फैसले लिए हैं, जिसकी वजह से कुछ बड़ा होने की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। सीएम भगवंत मान ने पंजाब सरकार के सीनियर मंत्रियों में शामिल सीनियर मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल से प्रशासनिक सुधार विभाग हटा लिया है। सरकार की तरफ से बताया गया है कि ऐसा कोई विभाग था ही नहीं। अब कुलदीप सिंह धालीवाल के पास सिर्फ एनआरआई मामलों का विभाग रह गया है। पहले कुलदीप सिंह धालीवाल के पास कृषि विभाग भी था, लेकिन मई 2023 में पंजाब के सीएम भगवंत मान ने उनसे ये विभाग भी ले लिया गया था।
वहीं, भगवंत मान सरकार ने शुक्रवार को पंजाब के 21 आईपीएस अफसरों के तबादले भी कर दिए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब सरकार के एजी दफ्तर से जुड़े वकीलों से भी इस्तीफे देने को कहा गया। अभी ये पता नहीं चला है कि अचानक सीएम भगवंत मान ने ये सभी फैसले किस वजह से किए। हालांकि, चर्चा इसकी है कि दिल्ली में सरकार गंवाने के बाद अब आम आदमी पार्टी पंजाब में बदलाव करना चाहती है। ताकि अगले चुनाव में उसे पंजाब में जीत हासिल करने में दिक्कत न हो। बीते दिनों ही ऐसी खबरें आई थीं कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के तमाम विधायक नाराज हैं और वे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
दिल्ली का विधानसभा चुनाव हारने के बाद आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े नेता अरविंद केजरीवाल ने सीएम भगवंत मान समेत पंजाब के अपनी सभी विधायकों और मंत्रियों को बुलाकर बैठक भी की थी। हालांकि, बैठक लंबी नहीं थी और बाद में आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना था कि इस बैठक में अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों और मंत्रियों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। वैसे, चर्चा इसकी भी रही है कि अरविंद केजरीवाल अब पंजाब में भगवंत मान को हटाकर सीएम बन सकते हैं। इस चर्चा ने भी बीते दिनों जोर पकड़ा था कि केजरीवाल पंजाब के किसी सांसद का इस्तीफा कराकर वहां से राज्यसभा जाने की तैयारी में हैं। वहीं, अब भगवंत मान सरकार ने जिस तरह के फैसले लिए हैं, उससे लगता है कि उन्होंने सरकार पर अपनी मजबूती का नजारा दिखाया है।